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वनाग्नि रोकने को जन सहभागिता जरूरी

संवाद सहयोगी, रानीखेत : ग्रीष्मकाल में होने वाली वनाग्नि से निपटने की कवायद तेज हो गई है। वन सु

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 06:08 PM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2018 06:08 PM (IST)
वनाग्नि रोकने को जन सहभागिता जरूरी
वनाग्नि रोकने को जन सहभागिता जरूरी

संवाद सहयोगी, रानीखेत : ग्रीष्मकाल में होने वाली वनाग्नि से निपटने की कवायद तेज हो गई है। वन सुरक्षा सप्ताह के तहत जगह जगह गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक कर दावानल पर काबू पाने को जनसहभागिता पर जोर दिया जा रहा है।

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चौबटिया वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में दावानल रोकने को गोष्ठी हुई। इसमें वन पंचायत सरपंचों, सदस्यों व विभागीय कर्मचारियों के बीच वनाग्नि रोकने पर गहन मंत्रणा की गई। कार्यक्रम में वन पंचायत सरपंचों ने वनों में आग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। कहा कि लगातार हो रही वनाग्नि से जहां लाखों की अकूत संपदा खाक हो रही है वहीं जैव विविधता व जल स्रोत भी प्रभावित हो रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी हरीश कुमार टम्टा ने वनाग्नि से पर्यावरण को होने वाले नुकसान सहित मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। कहा कि बगैर जन सहभागिता के जलते जंगलातों पर काबू पाना आसान नहीं होता है। उन्होंने दावानल रोकने के लिए जन सहयोग पर जोर दिया। इस दौरान सरपंच बबुरखोला सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, बडगल रौतेला चंद्र प्रकाश आर्या समेत महेंद्र सिंह, केशव दत्त्त कांडपाल ने विचार रखे।


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