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़आठ साल से 'मंदिर' में नहीं विराजे धरती के भगवान

संवाद सहयोगी, चौखुटिया : चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर भारी भरकम धनराशि खर्च करने

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 08:18 AM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 08:18 AM (IST)
़आठ साल से 'मंदिर' में नहीं विराजे धरती के भगवान
़आठ साल से 'मंदिर' में नहीं विराजे धरती के भगवान

संवाद सहयोगी, चौखुटिया : चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर भारी भरकम धनराशि खर्च करने के बाद भी दूरदराज के क्षेत्रों के ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। कहीं दवाईयों का टोटा है तो कहीं चिकित्सकों का अभाव बना है। संसाधनों को तो पूछे कौन। ऐसे में सुविधाएं न होने से ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल महज रेफर सेंटर बन गए हैं। इससे कभी- कभी लोगों के जान के लाले पड़ जाते हैं।

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ऐसा ही कुछ हाल राजकीय ऐलोपैथिक अस्पताल गोदी का है। दर्जनों गांवों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की मंशा को लेकर करीब तीन दशक पूर्व इस अस्पताल की स्थापना की गई। लाखों की लागत से अस्पताल भवन का भी निर्माण किया गया, लेकिन प्रारंभ से ही यहां चिकित्सक का अभाव बना है। बीते करीब आठ साल से लगातार अस्पताल चिकित्सक विहीन चल रहा है। इससे दूर- दराज के गांव जुड़े हैं तथा केंद्र बिंदु में होने के कारण यहां प्रतिदिन काफी संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर न होने से निराश लौटना पड़ता है। या फिर मजबूरी में मरीजों को उपचार के लिए दूर के अस्पतालों में ले जाना पड़ता है। ग्रामीण लगातार चिकित्सक की तैनाती की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। केंद्र में अन्य सुविधाएं भी नहीं है। जिससे अब लोगों का अस्पताल से विश्वास टूटने लगा है।

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अस्पताल से लाभान्वित होने वाले गांव

बरलगांव, गोदी, अमस्यारी, बगड़ी, जमराड़, छित्ताड़, असेटी, पूनियाबगड़, खीड़ा, खजूरानी, चुलेरासीम, पालमबाड़ी, टेड़ागांव, कोट्यूड़ा, नौगांव बैडिया, ढनाण, पैली, न्यौनी, बसरखेत समेत आसपास के अन्य गांव।

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फोटो न-8सीकेएचपी2

ग्रामीण वर्षो से चिकित्सक की तैनाती की मांग करते आ रहे हैं। कई बार आंदोलन भी किए गए, लेकिन आश्वासनों के अलावा जनता को कुछ भी नहीं मिल पाया। चिकित्सक व जरूरी सुविधाएं न होने से ग्रामीणों को भवन का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

-हीरा सिंह थापा प्रधान बरलगांव

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चिकित्सकों की कमी के चलते राजकीय ऐलोपैथिक अस्पताल गोदी में लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है। इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। शासन से डॉक्टरों की तैनाती होने के उपरांत ही प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति संभव है।

-डॉ. अमित रतन सिंह, खंड चिकित्साधिकारी, चौखुटिया


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