17 साल बाद भी नसीब नहीं बीएससी की कक्षाएं
संवाद सहयोगी चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया को अपना नया भवन तो मिल गया है लेि
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया को अपना नया भवन तो मिल गया है, लेकिन संसाधन व विषयों के अभाव के चलते छात्र-छात्राएं इधर-उधर भटक रहे हैं। 17 वर्ष गुजरने के बाद जाने के बाद भी महाविद्यालय शुरुआती दौर में स्वीकृत विषयों से ही चल रहा है। बीएससी कक्षाओं की स्वीकृति क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए महज एक सपना बना है। ऐसे में उन्हें बीएससी समेत आगे के कक्षाओं की शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर के महाविद्यालयों में जाना पड़ता है।
क्षेत्रवासियों की प्रबल मांग पर राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया की स्थापना वर्ष 2001 में हिदी, अंग्रेजी, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र व राजनीतिक विज्ञान विषयों के साथ हुई। बीते 1-2 साल से एमए हिदी-प्रथम विषय की स्वीकृति जरूर मिली है, लेकिन 17 वर्षो का लंबा सफर तय करने के उपरांत भी न तो यहां बीए में कोई विषय बढ़ पाए, नहीं एमए में। ऐसे में महाविद्यालय को पीजी का दर्जा नहीं मिल पाया है। व्यवसायिक विषय तो दूर बीएससी की कक्षाएं भी शुरू नहीं हो सकी हैं। इससे साइंस वर्ग के बच्चे बीए में प्रवेश लेने को विवश हैं। या फिर उन्हें दूर के महाविद्यालयों की शरण लेनी पड़ती है।
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हवाई साबित हुए घोषणाएं व आश्वासन
यूं तो छात्र संगठन लंबे समय से महाविद्यालय में बीएससी की कक्षाएं शुरू कराने व एमए में विषय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो पाई। इतना जरूर है कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने वर्ष 2011 में यहां राइंका परिसर में आयोजित जनता दरबार में महाविद्यालय में विज्ञान संकाय खोलने की घोषणा की थी, लेकिन वह हवाई साबित हुई। कई बार स्थानीय विधायक भी वादा कर चुके हैं, पर नतीजा सिफर ही रहा।
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छात्रों में आक्रोश, एनएसयूआइ ने सौंपा ज्ञापन
बार-बार मांग के बाद भी विषय न बढ़ने से छात्रों में रोष पनप रहा है। इस क्रम में एनएसयूआई ब्लॉक इकाई ने सोमवार को प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर एमए में अर्थशास्त्र, इतिहास व अंग्रेजी भाषा समेत अन्य विषय खोलने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष हितेश किरौला, जीवन कुमार, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विनोद कुमार, राजीव कुमार, दीपक सिंह नेगी, राजूकांडपाल, पंकत गोस्वामी, अंकित व रितेश विश्वकर्मा आदि शामिल रहे।