उत्साहपूर्वक मना फूल देई का पर्व
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित फूलदेई (चैत्र संक्रांति) का पव
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित फूलदेई (चैत्र संक्रांति) का पर्व शुक्रवार को उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस मौके पर बच्चों ने घर-घर जाकर देहरी पूजन कर सभी के लिए मंगल कामना की। इसके एवज में लोगों ने उन्हें गुड़, चावल, टॉफी व अन्य उपहार भेंट किए। इस पर्व को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखा गया।
शुक्रवार को बच्चों ने सुबह स्नान आदि से निवृत होकर न सर्वप्रथम घर के मंदिर में चावल व फूल चढ़ाए। इसके बाद अपने घरों की हर देहरी में फूल व चावल से पूजा की। बाद में चल पड़े आसपड़ोस की ओर। यहां बच्चों ने फूल देई छम्मा देई, तू देई पूजूं बारम्बार..का वाचन कर देहरी में पुष्प व चावल चढ़ाए। हर घर में बच्चों का गर्मजोशी के साथ आवभगत कर लोगों ने उन्हें सामर्थ्य के अनुसार उपहार दिए।
अपरान्ह बाद बच्चों द्वारा एकत्रित चावलों को भिगोकर तथा सायंकाल इन्हें पीसकर हलवा बनाया गया। जिसे सभी परिवारजनों ने प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। मध्यान्ह तक यह क्रम चलता रहा। इस पर्व को पहाड़ में फूल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व का छोटे-छोटे बच्चों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
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हर्षोल्लास से मना पारंपरिक पर्व फू लदेही
बैरती (अल्मोड़ा): क्षेत्र में फूलदेई हर्षोल्लास से मनाया गया। प्रात: ही बच्चे फूलों से सजी टोकरियां लेकर घरों में गए। फूल देही छम्मा देही, दैंणी द्वार भरी भकार, तुम्हार देई में नमस्कार..का पारंपरिक गीत उनके द्वारा गाया गया। इसके साथ ही बच्चों के द्वारा अच्छी फसल एवं घरों की खुशहाली की कामना भी की गई। लोगों द्वारा बच्चों को गुड़-चावल एवं भेंट स्वरूप यथोचित धनराशि देकर पर्व की परंपरा निभाई गई।