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खाली जेब होम क्वारंटाइन प्रवासियों की रखवाली

कोरोनाकाल में प्रधानों की ताकत बढ़ा दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:09 AM (IST)
खाली जेब होम क्वारंटाइन प्रवासियों की रखवाली
खाली जेब होम क्वारंटाइन प्रवासियों की रखवाली

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कोरोनाकाल में प्रधानों की ताकत बढ़ा दी गई है। प्रवासियों के पंजीकरण, होम क्वारंटाइन केंद्रों में रहने, पोषाहार से लेकर परिसर को सैनिटाइज कराने की भी जिम्मेदारी। यानी गांवों के मुखिया महासंकट की इस घड़ी में सर्वेसर्वा। मगर अफसोस दिन रात प्रवासियों पर नजर रखे प्रधानों की सुरक्षा को जहां पुख्ता इंतजाम हैं, ना ही व्यवस्था आदि के लिए उनके खातों में कोई धनराशि ही पहुंची है। अल्मोड़ा जनपद में कुल 1160 ग्राम पंचायतें हैं। बाहरी राज्यों से 21858 प्रवासी अपने अपने गांवों में होम क्वारंटाइन हैं। फिलहाल, बगैर बजट व सुविधा दूर गांवों के मुखिया के कंधों पर क्वारंटाइन केंद्रों की बड़ी जिम्मेदारी। बजट के मामले में जिला स्तरीय अधिकारी एक दूसरे के पाले में गेंद सरका रहे। ऐसे में प्रधान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे।

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'देखभाल का जिम्मा प्रधानों को दे तो दिया है लेकिन मदद बिल्कुल नहीं दी जा रही। छह प्रवासियों के भोजन, सेनिटाइजर, मास्क आदि के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। खुद के खर्च से व्यवस्था संभाल रहे।

- लीला देवी, ग्राम प्रधान बयेड़ी (ताड़ीखेत)'

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'प्रधानों के खातों में 10 हजार रुपये नहीं पहुंचे हैं। हमारे यहां प्रवासियों के पहुंचने की सूचना है। यदि वह आए तो उनके लिए व्यवस्था खुद ही करनी होगी।

- दिनेश सिंह धौनी, ल्वाली गांव (लमगड़ा)'

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'ग्रामीण प्रधानों के खिलाफ होने लगी है। वह हमसे हिसाब मांग रहे। सरकार ने आश्वासन तो दे दिया लेकिन हमारे विकासखंड की 122 ग्राम पंचायतों में किसी भी मुखिया के खाते में धेला तक नहीं पहुंचा।

- नरेंद्र अधिकारी, अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगठन'

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'प्रधानों को बजट तो मिले ही। उनका बीमा भी होना चाहिए। 130 ग्राम पंचायतों में प्रवासियों की देखभाल का जिम्मा संभाले प्रधानों के खुद की सुरक्षा भी खतरे में है। उदाहरण के लिए खुशालकोट पंचायत घर में चार प्रवासी क्वारंटाइन हैं। उनके भोजन, सैनिटाइजेशन, मास्क का खर्च प्रधान खुद उठा रहे। कोई बजट नहीं मिला है।

- हीरा सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख ताड़ीखेत'

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'यह कलक्ट्रेट का मैटर है। कलक्ट्रेट से ही पता लगेगा। इसके बारे में एडीएम साहब ही बता पाएंगे।

- मनुज गोयल, प्रभारी डीएम एवं सीडीओ'

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'डीएम साहब से लीजिए जानकारी। इसमें डीएम साहब ही बता पाएंगे।

- बीएल फिरमाल, एडीएम'


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