प्रधान के प्रयास से प्राइमरी स्कूल बना क्वारंटाइन सेंटर
कोरोना संक्रमण के बीच महानगरों से लौट रहे प्रवासियों को होम क्वारंटाइन करने के लिए प्राथमिक स्कूल को केंद्र बनाया गया है।
संस, पनुवानौला (अल्मोड़ा): कोरोना संक्रमण के बीच महानगरों से लौट रहे प्रवासियों को होम क्वारंटाइन करना गांवों में चुनौती भरा साबित हो रहा है। धौलादेवी ब्लॉक के कोटुलीगूंठ गांव में ग्राम प्रधान ने अपने प्रयास से गांव के प्राइमरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाकर एक मिसाल पेश की है। इस सेंटर में गुरुग्राम व अन्य शहरों से आए प्रवासियों को क्वारंटाइन किया गया है। बिना सरकारी इमदाद के इस स्कूल को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जा रहा है। यहां शारीरिक दूरी का भी पूरा पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
लॉकडाउन में छूट के बाद से ही कोटुलीगूंठ गांव में भी प्रवासियों की खासी आमद हुई है। लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान गांव में होम क्वारंटाइन में काफी दिक्कतें सामने आने लगी। गांव की लगभग पंद्रह सौ की आबादी को बचाने के लिए ग्राम प्रधान दीपा देवी ने पहल शुरू की और ग्रामीणों और प्रशासन को विश्वास में लेकर प्राइमरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया। इस सेंटर में गुरुग्राम व अन्य शहरों से पहुंचे प्रवासियों को क्वारंटाइन किया गया है। उनके रहने खाने की यहीं व्यवस्था की गई है। ग्राम प्रधान द्वारा प्रवासियों के लिए सैनिटाइजर, साबुन और बिस्तरे की व्यवस्था भी कराई गई है।
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मैचून गांव के ग्रामीणों ने भी दिखाया जज्बा
अल्मोड़ा : धौलादेवी ब्लॉक के मनीआगर ग्राम पंचायत के मैचून गांव के लोग भी कोरोना से जंग को आगे आए हैं। यहां के ग्रामीणों ने प्रशासन से कोई आíथक मदद न मिलने के बाद भी प्राइमरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा की मदद से ग्रामीणों को प्राइमरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाने की अनुमति मिली। जिसके बाद प्रवासियों को यहां क्वारंटाइन किया जा रहा है। गांव के लोग मिलजुल कर प्रवासियों के रहने खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य शिवराज बनौला ने बताया कि प्रवासियों को होम क्वारंटाइन के सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।