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पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. रावल की हार्टअटैक से मौत

अल्मोड़ा केजीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. आरएस रावल की हार्टअटैक से मौत हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 11:30 PM (IST)
पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. रावल की हार्टअटैक से मौत
पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. रावल की हार्टअटैक से मौत

संस, अल्मोड़ा : जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी- कटारमल अल्मोड़ा के निदेशक व पादप विज्ञानी डा. आरएस रावल का निधन हो गया है। पिछले दो सप्ताह से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। उन्हें बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आ रहा था लेकिन अचानक शुक्रवार रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। वह 55 साल के थे।

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डा. आएस रावल ने सन 1984 में बीएससी तथा सन 1987 में एमएससी की डिग्री तथा 1991 में पीएचडी की उपाधि डीएसबी परिसर कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से ली थी। जिसके बाद वह यंग साइंटिस्ट रहते हुए कोसी कटारमल संस्थान से जुड़े और बाद में वह इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक पद तक पहुंचे। डा. रणवीर सिंह रावल जैव विविधता, उच्च हिमालय परिस्थिति तंत्र, संरक्षण शिक्षा तथा पौधों के प्राकृतिक आवास एवं जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञ भी बने। वहीं वह इंडियन साइंस कांग्रेस के पर्यावरण शाखा के अध्यक्ष भी रहे। डा. रावल ने जैव विविधता के लिए ब्रुनोई, भूटान, चीन, इटली, जापान, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन आदि देशों की यात्रा भी की।

डा. रावल के निधन पर वरिष्ठ वैज्ञानिक किरीट कुमार, आइडी भट्ट, डा. रंजन, डा. जीसीएस नेगी, डा. ललित गिरि, डा. चंद्रशेखर, डा.वसुधा अग्निहोत्री, डा. कुनियाल, पुष्कर बिष्ट, जगदीश पांडे, कमल भंडारी, प्रो. जेएस रावत, जमन सिंह बिष्ट, लोकवाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी व डीएफओ महातिम यादव ने शोक जताया है।

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कई शोध पत्र हो चुके हैं प्रकाशित

अंतरराष्ट्रीय पादप विज्ञानी डा. रणवीर सिंह रावल के 151 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। साइंस जर्नल में भी उनके शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं, राष्ट्रीय स्तर पालीनेटर तथा सेक्रेड कैलाश फॉरेस्ट पर भी वह शोध कार्य कर चुके हैं। उनकी 10 पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं।


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