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गाजे-बाजे के साथ निकली देव स्नान यात्रा

संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देवभूमि उत्तराखंड में सदियों से पौष मास को देव पूजन के लिए ख

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 06:20 PM (IST)
गाजे-बाजे के साथ निकली देव स्नान यात्रा
गाजे-बाजे के साथ निकली देव स्नान यात्रा

संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देवभूमि उत्तराखंड में सदियों से पौष मास को देव पूजन के लिए खास महीना माना जाता है। पूरे महीने भर लोग अपने आराध्य देवी-देवताओं को खुश करने के लिए बैसी व जातरा का आयोजन करते हैं। इस बीच यहां बगड़ी व खीड़ा समेत कई स्थानों पर हरज्यू व देवी की बैसी चल रहे हैं। इससे माहौल भक्तिमय बना है। 11वें दिन बगड़ी में गाजे बाजे केसाथ देव स्नान व कलश यात्रा निकाली गई।

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इस दौरान बैसी में बैठे देवगणों व भक्तों ने गांव के पास रामगंगा नदी के पावन तट पर स्नान किया। इसमें महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में सजकर कलश यात्रा निकाली। बगड़ी गांव के हरज्यू की धूनी में पौष मास के बीते एक गते से बैसी-जातरा चल रही है। इसमें पांच भक्त बैसी में बैठे हैं। सोमवार को 11 वें दिन देव स्नान यात्रा संपन्न हुई तथा सुबह धूनी में देवताओं का अवतरण हुआ। करीब 11 बजे धूनी से गाजे-बाजे के साथ स्नान यात्रा प्रारंभ हुई, जो मुख्य सड़क मार्ग से होते हुए गांव के पास रामगंगा नदी के तट पर पहुंची। जहां देव गणों ने स्नान किया। इस दौरान समूचा वातावरण हरज्यू के जयकारों से गूंज उठा तथा ग्रामीणों ने भारी संख्या में शिरकत की। स्नान के बाद यात्रा वापस धूनी में पहुंची। आज से रात को नित्य जातरा लगेगी। जो 11 दिनों तक जारी रहेगी। आखिरी दिन भंडारा होगा।

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सदियों से चली आ रही है परंपरा

पहाड़ में हरज्यू देवता को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसमें हरज्यू की बैसी-जातरा लगती है, जो पूरे 22 दिन तक चलती है। इसमें पहले 11 दिन तक बैसी में बैठे देवभक्त भक्ति करते हैं तथा स्नान के बाद 11 दिन तक रात में धूनी में जातरा का आयोजन होता है। इस दौरान देवगणों का अवतरण होता है।


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