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संकट काल में फोटोग्राफी के शौक ने बदल दी तकदीर, पहचान बनी एक 'तस्वीर'

अल्मोड़ा में लोध घाटी में रहने वाले महेश सिंह को फोटोग्राफी के शौक ने करियर की नई राह दी। एक तस्वीर ने बदली तकदीर।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 04:41 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:14 AM (IST)
संकट काल में फोटोग्राफी के शौक ने बदल दी तकदीर, पहचान बनी एक 'तस्वीर'
संकट काल में फोटोग्राफी के शौक ने बदल दी तकदीर, पहचान बनी एक 'तस्वीर'

जगत सिंह रौतेला, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : विकासखंड के लोध घाटी में रहने वाले महेश सिंह बिष्ट की कहानी कुछ जुदा है। प्रेरणाप्रद भी। रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके महेश के करियर की राह में वैश्विक महासंकट ने रोड़ा लगाया तो हुनर ने नई राह दिखाई। पहाड़ लौटे महेश ने प्रकृति, परिंदों व सुरम्य वादियों के करीब रहकर फोटाग्राफी शुरू की। उनके द्वारा कैमरे में कैद पहाड़ में अमूमन कम दिखाई देने वाली फ्लाईकैचर चिडि़या की फोटो को प्रकृति एवं वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी राष्ट्रीय पत्रिका एक्सप्लोर वाइल्ड इंडिया ने विशेष स्थान दिया है। महेश ने 'दैनिक जागरण' को बताया कि वह श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय स्नातक है। बीते वर्ष वह सिडकुल पंतनगर (ऊधम सिंह नगर) आ गया, जहां एक कंपनी में अप्रेंटिस करने लगा। कोविड-19 के कारण वह छूट गई। बचपन से ही फोटोग्राफी के शौकीन महेश वहां भी फूर्सत मिलने पर पक्षियों, तितलियों आदि को कैमरे में कैद करने में जुट जाते। महेश के अनुसार उसने रुद्रपुर में रहकर दशहरा, श्री गुरुनानक जयंती, उत्तरायणी मेले, पंतनगर किसान मेले व व प्रदर्शनियों को भी कैमरे में कैद कर काफी अभ्यास किया। पहाड़ की सुरम्य वादियों में उन्हें फोटाग्राफी के लिए अपार संभावनाएं दीं। लोध घाटी की हरीभरी वादियों में फ्लाईकैचर की फोटो उसने इंस्टाग्राम में पोस्ट की जो एक्सप्लोर वाइल्ड इंडिया पत्रिका को भा गई।

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क्या है एक्सप्लोर वाइल्ड इंडिया पत्रिका

भारत सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त यह राष्ट्रीय पत्रिका उभरते फोटोग्राफरों को प्रतिभा दिखाने के मौके देती है। देशभर के फोटोग्राफर अपने कैमरे से खींचे फोटो पत्रिका के लिए देते रहते हैं मगर कुछ खास क्लिक ही पत्रिका में जगह बना पाती हैं। मुकेश को भी एक मौका मिला तो वह फोटोग्राफी में ही करियर संवारने का मन बना चुके हैं। साथ ही गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं। बकौल महेश सिंह, वर्तमान में देशभर के 3500 से अधिक फोटोग्राफर इसमें काम कर रहे हैं। वर्ष 2015 से डब्ल्यूआइएफ इंडिया प्रकृति व वन्यजीवन के एशिया का सर्वश्रेष्ठ पोर्टल भी है।

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'एक्सप्लोर वाइल्ड इंडिया पत्रिका नेचर व वाइल्ड फोटोग्राफरों के लिए प्रतिभा प्रदर्शन का बेहतर मंच है। फोटोग्राफी के साथ मैं प्रकृति एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में करियर संवार अन्य युवाओं को भी प्रोत्साहित कर रहा हूं। पहाड़ में नेचर फोटोग्राफी व बर्ड वाचिंग स्वरोजगार का बेहतर जरिया बन सकता है।

- महेश सिंह बिष्ट, लोध घाटी'

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