पूर्व फौजियों के लिए नैनीताल में लगेगी अदालत : न्यायाधीश वीरेंद्र
संवाद सहयोगी रानीखेत अवकाश प्राप्त सैनिकों वीरागनाओं व उनके बच्चों को पेंशन व अन्य अधिक
संवाद सहयोगी, रानीखेत : अवकाश प्राप्त सैनिकों, वीरागनाओं व उनके बच्चों को पेंशन व अन्य अधिकारों के लिए कोई कानूनी दिक्कत न हो, इसके लिए अगले माह नैनीताल में सैन्य अदालत लगाई जाएगी। छोटी सी सोच सार्थक प्रयासों के जरिये ऊचांईयों को छूती है। कोई भी सैनिक परिवार पेंशन व अन्य अधिकारों से वंचित न रहे इसके लिए जिला मुख्यालयों में पैरा लीगल वॉलिंटियरों की नियुक्ति की जाएगी। यह बात यहां 'न्याय चला फौजी से मिलने' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मड फोर्स ट्रिब्यूनल के चैयरपर्सन न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने कही।
सेना के ऐतिहासिक दीवान सिंह सभागार में लीगल सर्विस अथॉरिटी उत्तराखंड, राज्य सैनिक बोर्ड व आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के संयुक्त तत्वाधान में लगे शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि आर्मड फोर्स ट्रिब्यूनल चैयरपर्सन न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कानूनी जानकारी व पेंशन अवकाश प्राप्त सैनिकों व वीर नारियों का अधिकार है। कहा कि कानून की जागरूकता की कमी के कारण सैनिक इधर उधर भटकने को मजबूर हैं। इसी समस्या के समाधान करने व सैन्य परिवारों को कानूनी जानकारी देने के मकसद से पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में एयर मार्शल बीबीपी सिन्हा, सदस्य व एडवोकेट जनरल एफटी (आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल) मेजर जनरल प्रवीन कुमार, कमाडेंट कुमाऊँ रेजीमेंट सेंटर बिग्रेडियर जीएस राठौर, रजिस्टार एएफटी लखनऊ केके श्रीवास्तव, ले. कर्नल सुमित कुमार, डॉ. शैलेंद्र शर्मा, एके रॉय आदि मौजूद रहे। शिविर में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल जनपद के पूर्व सैनिक व वीरागनाए मौजूद रही।
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केआरसी मुख्यालय से हुआ श्रीगणेश
न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभियान की शुरूआत केआरसी मुख्यालय से की जा रही है। कहा कि समस्याओं के समाधान को कोई भी वीर नारी व सेवानिवृत्त फौजी अदालत के दरवाजे तक ना पहुंचे, बल्कि अदालत खुद उसके दरवाजे पर पहुंच उसे न्याय दिलाएगी। उन्होंने मौजूद लोगों से अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया।
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