कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फूंका सहकारिता मंत्री का पुतला
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिला एवं नगर कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को अल्मोड़ा में सहकारिता मंत्री धन सिं
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिला एवं नगर कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को अल्मोड़ा में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत का पुतला फूंका। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सहकारिता मंत्री अपने पद का दुरुपयोग कर जबर्दस्ती दुग्ध संघ के फेडरेशन को भंग करने की साजिश कर रहे हैं।
मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता नगर के चौघानपाटा में एकत्र हुए। कार्यकर्ताओं ने यहां सहकारिता मंत्री का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि दुग्ध संघ के अधिकांश पदों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। जिस कारण सहकारिता मंत्री और सरकार के कुछ मंत्री इसे हजम नहीं कर पा रहे हैं और बोर्ड को भंग करने की साजिश कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि अगर सहकारिता मंत्री ने अपने पद को गलत फायदा उठाकर बोर्ड को भंग किया तो कांग्रेस पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। पुतला दहन कार्यक्रम में पीतांबर पांडे, पूरन रौतेला, प्रकाश चंद्र जोशी, आनंद बगडवाल, लता तिवारी, किरन साह, दीप सिंह डांगी, हर्ष कनवाल, प्रीति बिष्ट, विनोद वैष्णव, लीला जोशी, दीपक मेहता, कुंदन सिंह मर्तोलिया, दीपांशु पांडे, तारा चंद्र जोशी, हेम तिवारी, प्रदीप बिष्ट, कार्तिक साह, नवाज खान, नूर खान समेत अनेक कांग्रेसी मौजूद रहे।
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फेडरेशन पर आखिर क्यों लटक रही तलवार
दुग्ध संघ में चल रहे बबाल बीच अब दुग्ध फेडरेशन पर तलवार लटक रही है। इसका कारण यह है कि फेडरेशन के चुनावों के बाद अब तक दो बार बोर्ड की बैठक बुलाई गई। लेकिन दोनों बार कोरम पूरा न होने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। अब बोर्ड की तीसरी बैठक 27 फरवरी के आसपास निर्धारित की गई। नियमों के अनुसार अगर इस बोर्ड की बैठक में भी कोरम पूरा न हुआ तो सरकार फेडरेशन को भंग कर सकती है।
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सियासत की आंच, तप रहे उत्पादक
एक ओर जहां सहकारिता विभाग में कुर्सी हथियाने की जंग चल रही है। वहीं इस खामियाजा दुग्ध संघों और उत्पादकों को भुगतना पड़ रहा है। अल्मोड़ा में दुग्ध संघ के अध्यक्ष के कांग्रेसी होने के कारण दबाव में लालकुआं ने अल्मोड़ा से दूध लेना बंद कर दिया। जबकि नियमों के अनुसार लालकुआं को ही अल्मोड़ा से दूध लेना है। लेकिन सियासतदारों की इस राजनीति से अब उत्पादकों व संघ को नुकसान हो रहा है।