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'कहां हैं मेरे प्राण पियारे, सखा कहां हैं राज दुलारे..'

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्यटन नगरी के दूरस्थ मल्ली रियुनी गांव में रामलीला मंचन जारी है। मंचन के

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:02 PM (IST)
'कहां हैं मेरे प्राण पियारे, सखा कहां हैं राज दुलारे..'

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्यटन नगरी के दूरस्थ मल्ली रियुनी गांव में रामलीला मंचन जारी है। मंचन के पांचवे दिन सुमंत के राम, लक्ष्मण व सीता को वन छोड़ वापस अयोध्या आना, दशरथ संवाद व मरण के दृश्यों का भावपूर्ण मंचन किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद दूर दराज गांवों से लोग रामलीला देखने पहुंच रहे हैं।

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मल्ली रियुनी में हो रहे रामलीला मंचन में राम लक्ष्मण का वनगमन, केवट संवाद, सुमंत का अयोध्या वापस लौटना व दशरथ मरण का मंचन किया गया। दशरथ के पात्र नंदन सिंह ने 'कहां हैं मेरे प्राण पियारे, सखा कहां हैं राजदुलारे..', तथा सुमंत सुरेंद्र सिंह ने 'अवध में कहां मुख ले जाऊं, कहूं क्या पूछे जब राजा..' आदि गायन व अभिनय से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा राम अमन अधिकारी, लक्ष्मण अमित अधिकारी, सीता अभिषेक अधिकारी, कैकई नंदन बिष्ट, कौशल्या हिमांशु अधिकारी, सुमित्रा मनोहर अधिकारी, निषादराज हेमंत अधिकारी आदि ने भी अपने कुशल अभिनय से दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। इससे पूर्व बाल कलाकारों ने राधा कृष्ण पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कमेटी अध्यक्ष दर्शन सिंह के अनुसार 20 नवंबर से लव कुश कांड के बाद 22 को राम राज्यभिषेक के साथ मंचन का पारायण होगा।


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