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सैन्य सम्मान के साथ कैप्टन रक्षित की अंत्येष्टि

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जम्मू में कार एक्सीडेंट में मृत सेना के कैप्टन रक्षित भैसाड़ा का पा

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 12:14 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:14 AM (IST)
सैन्य सम्मान के साथ कैप्टन रक्षित की अंत्येष्टि

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा, हल्द्वानी : जम्मू में कार एक्सीडेंट में मृत सेना के कैप्टन रक्षित भैसोड़ा का पार्थिव शरीर शुक्रवार की तड़के तीन बजे हल्द्वानी पहुंचा। सुबह सात बजे मेडिकल कॉलेज मोर्चरी से कलावती कॉलोनी स्थित मामा के घर पार्थिव शरीर पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजनों के अंतिम दर्शन के बाद कैप्टन की शवयात्रा रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पहुंची। यहां सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।

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मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के ग्राम भैसाड़ी, बिनखोला, ध्याड़ी निवासी शिक्षक नंदन सिंह भैसोड़ा के इकलौते पुत्र रक्षित भैसोड़ा (23) सेना की 21 जाट रेजीमेंट में कैप्टन थे। जम्मू में बुधवार की रात कार पलटने के कारण रक्षित की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उनका पार्थिव शरीर सेना के विमान से दिल्ली लाया गया। गुरुवार शाम 21 आरआर के मेजर अंशुल यादव के नेतृत्व में सात जवानों का दल दिल्ली से सड़क मार्ग से पार्थिव शरीर लेकर हल्द्वानी के लिए रवाना हुआ। शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे हल्द्वानी पहुंचने पर कैप्टन के देह को मोर्चरी में रखवा दिया गया। सुबह ही स्थानीय आर्मी अफसर, 21 जाट रेजीमेंट बरेली, एडम कमांडेंट हेमपुर, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी समेत कई सैन्य अफसर कैप्टन पार्थिव शरीर लेकर कलावती कॉलोनी स्थित मामा धीरेंद्र बंगोला के घर पहुंचे। इकलौते बेटे का पार्थिव शरीर पहुंचते ही मां दीपा भैसोड़ा, पिता नंदन सिंह व बहन नेहा व परिजनों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय व सैन्य अफसरों ने परिजनों को ढांढस बंधाया। करीब आठ बजे कैप्टन की अंतिम यात्रा कलावती कॉलोनी से चित्रशिला घाट के लिए रवाना हुई। घाट पर जाट रेजीमेंट बरेली की गारद ने तीन-तीन राउंड हवाई फायर करने के बाद शस्त्र झुकाकर शोक जताया। सैन्य अफसरों व प्रशासन ने पुष्पचक्र चढ़ाकर कैप्टन को अंतिम सलामी दी। चाचा बहादुर सिंह भैसोड़ा ने चिता को मुखाग्नि दी। कैप्टन की मां की हालत बिगड़ी

गुरुवार को इकलौते बेटे कैप्टन रक्षित की मौत की खबर सुनने के बाद से ही मां दीपा भैसोड़ा की तबियत बिगड़ गई थी। शुक्रवार सुबह कैप्टन का देह पहुंचते ही मां रो-रोकर बेसुध हो गई। अधिक तबियत बिगड़ने पर परिवार वालों ने चिकित्सक को बुलाकर घर पर उपचार शुरू करा दिया। शाम तक उन्हें दवाइयां व ड्रिप चढ़ाई गई। हालांकि तबीयत में हल्का सुधार आते ही वह रक्षित का नाम लेकर रोना शुरू कर दे रही थीं। कुछ देर बाद वह फिर बेसुध हो जा रही थीं।


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