नौ वर्षो में भी पूर्ण नहीं बन पाई बसरखेत सड़क
विभागीय लापरवाही एवं ठेकेदार की हीलाहवाली के चलते विकास खंड की बसखेड़ा सड़क नहीं बन पाई है।
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: विभागीय लापरवाही एवं ठेकेदार की हीलाहवाली के चलते विकास खंड अंतर्गत तडागताल-बसरखेत मोटर मार्ग नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सकी है। हालत यह है कि आज भी सड़क के डामरीकरण का कार्य अधूरा पड़ा है तथा दो स्थानों पर निर्माणाधीन पुल भी तैयार नहीं हो पाए हैं। ऐसे में करोड़ों की धनराशि व्यय होने के बावजूद दूरस्थ गांवों के वाशिंदों को यातायात सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है। नतीजा ग्रामीणों में कार्यदायी विभाग के प्रति आक्रोश है।
बसरखेत के दूरस्थ गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत आठ किमी तड़ागताल-बसरखेत-खोला मोटर मार्ग का निर्माण कार्य 11 दिसंबर 2011 में प्रारंभ हुआ। शुरूआत में सड़क कटिंग कार्य तेजी से हुआ, लेकिन बाद में कार्य की गति धीमी हो गई। फिर काफी जद्दोजहद के बाद सड़क कटिंग कार्य तो पूर्ण हो गया, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी न तो सड़क में डामरीकरण पूर्ण हो पाया है, नहीं पुल तैयार हो पाए हैं। इससे ग्रामीण परेशान हैं तथा बरसात में दूर गांवों का संपर्क कट जाता है।
बरसात में टूट जाता है गांवों का आपसी संपर्क
ग्रामीणों का कहना है कि तड़ाग नाले में पुल न बन पाने से दूरस्थ गांवों के ग्रामीणों का आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात के सीजन में यह समस्या और गहरा जाती है। इस दौरान नाले उफन आने से कई गांवों का संपर्क भी टूट जाता है। ग्रामीण विकट व कठिन पैदल रास्तों से गांव पहुंचते हैं। पूर्व सूबेदार खीम सिंह नेगी, पूर्व हवलदार बचे सिंह, पूर्व प्रधान मदन सिंह व नंदन सिंह आदि ने शीघ्र डामरीकरण व पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण करने की मांग की है।
-----
एक नजर तड़ागताल-बसरखेत सड़क पर
कुल लंबाई - 7.93 किमी
कुल लागत -251.27 लाख
5 वर्ष का अनुरक्षक खर्च-18.20 लाख
कार्य प्रारंभ तिथि - 21 दिसंबर 2011
कार्य पूर्ण तिथि - 21 दिसंबर 2016