सड़क सुविधा से जुड़े खजुरानी के दूर गांव
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देर से ही सही, लेकिन विकास खंड के अंतिम छोर में बसे ग्राम पंचाय
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देर से ही सही, लेकिन विकास खंड के अंतिम छोर में बसे ग्राम पंचायत खजुरानी के गांव सड़क से जुड़ गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों को आजादी के 71 वर्षो बाद आवागमन की सुविधा मिल गई है। हालांकि सड़क की सौगात मिल जाने से ग्रामीणों में खुशी है, पर दो तोक गांवों के वाशिंदों में टीस बरकरार है। जो अभी भी सड़क से दूर हैं। मांग है कि उन्हें भी सड़क सुविधा से जोड़ा जाए।
विदित हो कि ग्राम पंचायत खजुरानी विकास खंड का दूरस्थ व आखिरी गांव है। इसमें चनौला, पाखाखरक, खजुरानी, तल्ला व मल्ला गजार तोक गांव शामिल हैं। सड़क न होने के कारण यहां के वाशिंदों को 10 से 12 किमी का पैदल सफर कर गांव पहुंचते थे। वह भी बेहद कठिन व दुर्गम पहाड़ियों से होकर। अब करीब 13 करोड़ की लागत से 18 किमी सड़कबनकर तैयार हो गई है तथा छोटे वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। इससे ग्रामीणों को राहत मिल गई है।
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चनौला व मल्ला गजार अभी से सड़क से दूर
काफी विकट व विस्तृत इलाका होने के कारण चनौला व मल्ला गजार तोक गांव सड़क से दूर हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को आज भी 2-3 किमी पैदल चलना पड़ रहा है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है सड़क बन जाने के बाद मीलों का सफर कम हो गया है, लेकिन गांव सड़क से जुड़ जाते तो सोने में सुहागा जैसा हो जाता।
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खीड़ा-खजुरानी सड़क के बन गई है, लेकिन खजुरानी गांव के अनेक परिवारों को सड़क का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। उन्हें आधा किमी की चढ़ाई पैदल ही नापनी पड़ रही है।
-चंदन सिंह रौतेला पूर्व सैनिक खजुरानी
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खजुरानी ग्राम पंचायत का चनौला गांव अभी से सड़क से 3 किमी दूर है। विकट व कठिन पहाड़ी रास्ता होने के कारण लोगों की परेशानी यथावत बनी है। ग्रामीणों को 3 किमी सड़क की दरकार है।
-जीत सिंह बिष्ट पूर्व सैनिक चनौला गांव