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देवी मंदिर देघाट में नहीं होने दी पशु बलि

संवाद सहयोगी स्याल्दे (रानीखेत) वैशाख के आगमन पर समूचा पहाड़ लोक संस्कृति के रंग में रमने

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:03 PM (IST)
देवी मंदिर देघाट में नहीं होने दी पशु बलि
देवी मंदिर देघाट में नहीं होने दी पशु बलि

संवाद सहयोगी, स्याल्दे (रानीखेत) : वैशाख के आगमन पर समूचा पहाड़ लोक संस्कृति के रंग में रमने लगी है। चैत्राष्टमी पर देवी मंदिर देघाट में मेला लगा। इसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। चूंकि मंदिर में बलि प्रथा प्रतिबंधित हो चुकी है लिहाजा बलि के लिए लाई गई 18 बकरे व दो भैंसे कमेटी ने अपनी सुपुर्दगी में ले लिए।

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देघाट स्थित देवी मंदिर में शनिवार को चैत्राष्टमी पर विहंगम मेला लगा। श्रद्धालु बलि के लिए 18 बकरे व दो भैंसे बलि के लिए लाए मगर मंदिर कमेटी तथा प्रशासन की सख्ती के कारण उन्हें रोक दिया गया। बाद में निरीह पशु मंदिर कमेटी के सुपुर्द कर दिए गए। स्थानीय के साथ ही दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने देवी के दर्शन कर विशेष पूजा अर्चना की। मेले में रामनगर, काशीपुर, जसपुर, ठाकुरद्वारा व मुरादाबाद आदि क्षेत्रों से व्यापारी पहुंचे थे। शांति व कानून व्यवस्था के लिए मंदिर कमेटी अध्यक्ष किशन सिह मैठानी, पूरन चंद्र, नारायण सिह बंगारी, शकरदत्त, दान सिंह, सुरेंद्र गोयल के साथ ही तहसीलदार सतीश बड़थवाल, एसओ भतरौजखान धर्मवीर सोलंकी, राजस्व निरीक्षक शकर गिरि आदि मुस्तैद रहे।


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