Move to Jagran APP

सीएम की घोषणा में शुमार, फिर भी लटका सीवर का प्रस्ताव

प्रदेश में पांच सरकारों के कार्यकाल के बाद भी अब तक सूबे की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में सीवर लाइन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है जबकि इस बार सीएम त्रिवेंद्र रावत भी इसकी घोषणा कर चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:33 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:16 AM (IST)
सीएम की घोषणा में शुमार, फिर भी लटका सीवर का प्रस्ताव
सीएम की घोषणा में शुमार, फिर भी लटका सीवर का प्रस्ताव

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : प्रदेश में पांच सरकारों के कार्यकाल के बाद भी अब तक सूबे की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में सीवर लाइन का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस बार सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस समस्या को देखते हुए इस महत्वपूर्ण योजना को अपनी घोषणा में शुमार किया था। जिसके बाद जल निगम ने करीब 25.15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा भी था, लेकिन अब तक इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

loksabha election banner

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में सीवर लाइन की समस्या काफी पुरानी है। यहां आज भी घरों से निकलने वाली गंदगी खुली नालियों में बहती है। जिस कारण कई मोहल्लों में दुर्गंध बनी रहती है। ऐसा नहीं है कि इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास नहीं हुए। करीब सोलह साल पहले नगर में सीवर लाइन को मंजूरी मिली। योजना के तहत इसके लिए नगर को चार जोन में बांटा गया। वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश की निर्माण एजेंसी सीएनडीएस को 6.10 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए। जिसके बाद नगर के राजपुरा, मकेड़ी, हीरा डूंगरी, एनटीडी आदि क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाई गई। वर्ष 2005 में जल निगम की सर्वे शाखा ने 8.10 करोड़ के प्रस्ताव के सापेक्ष शासन से 4.86 करोड़ रुपये मिले और पांडेखोला, कपीना, उप्रेतीखोला, सांई बाबा मंदिर, गुरुरानीखोला, चंपानौला, खोल्टा, मोहल्लों में सीवर लाइन का निर्माण कराया गया। वर्ष 2007 में तृतीय जोन के कार्य के लिए शासन से शेष 3.24 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त नहीं हो पाई। जिस कारण नगर के अन्य क्षेत्रों में सीवर लाइन का निर्माण नहीं हो सका। नगर की इस च्वलंत समस्या को देखते हुए इस बार सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस योजना को अपनी घोषणा में शुमार किया। जिसके बाद जल निगम ने शासन को शेष कार्य का प्रस्ताव बनाकर भी भेजा, लेकिन इस प्रस्ताव को भी अभी तक शासन से मंजूरी नहीं मिल पाई है। ======== एडीबी की योजना भी नहीं हो पाया शामिल

अल्मोड़ा : वर्ष 2018 में प्रदेश के नौ शहरों में एडीबी की तरफ से संचालित सीवर सिस्टम योजना के तहत प्रदेश को करीब पंद्रह सौ करोड़ रुपये का ऋण मिला था, लेकिन तब भी इन शहरों में अल्मोड़ा का नाम शामिल नहीं हो पाया था। तब पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने शहरी विकास मंत्री को पत्र भेजकर इस मामले में नाराजगी भी व्यक्त की थी। =========== मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जल निगम द्वारा शासन को करीब 25.15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सीवर लाइन के लिए भेजा गया है। जैसे ही प्रस्ताव को स्वीकृ़ति मिलेगी सीवर लाइन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

- केडी भट्ट, अधिशासी अभियंता जल निगम, अल्मोड़ा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.