Almora: अध्यापन के तरीकों को अपडेट करने से विकसित होती है क्षमता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष पाठ जरूरी
अल्मोड़ा एसएसजे विवि के शिक्षा संकाय में शिक्षण शास्त्र और पाठ योजना विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला हुई। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार अपडेट और विकसित करने से ही क्षमताएं बढ़ती है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: एसएसजे विवि के शिक्षा संकाय में शिक्षण शास्त्र और पाठ योजना विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला हुई। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार अपडेट और विकसित करने से ही क्षमताएं बढ़ती है।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि अध्यापन कोई स्थिर व्यवसाय नहीं है बल्कि प्रौद्योगिकी, सदैव बदलते ज्ञान, वैश्विक अर्थशास्त्र के दबावों और सामाजिक दबावों से प्रभावित होकर बदलता रहता है। इसलिए शिक्षकों को समय के बदलाव के अनुरूप क्षमताओं और कौशलों में पारंगत होना जरूरी है। प्रत्येक विषय की पाठ योजना अलग होती है।
कार्यशाला की संयोजक व विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने कहा कि निर्धारित पाठ्य वस्तु के सभी तत्वों का विवेचन करना। प्रस्तुतीकरण के क्रम तथा पाठ्य वस्तु के रूप में निश्चितता की जानकारी कराना है।
डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि शिक्षकों को पाठ योजना और शिक्षण शास्त्र की गहन समझ और जानकारी होनी चाहिए। प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा कि विद्यालयों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष पाठ योजना की आवश्यकता है। समन्वयक डॉ संगीता पवार ने शिक्षण शास्त्र पाठ योजना वर्कशॉप के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर प्रो अमिता शुक्ला, प्रो जीएस नयाल, डॉ टीसी पांडे, डॉ रीना उनियाल तिवारी, डॉ डीएस फर्स्वाण, डॉ नीलम, डॉ भाष्कर चौधरी, डॉ ममता असवाल, डॉ देवेंद्र चम्याल, डॉ ममता कांडपाल, डॉ पूजा, सुश्री अंकिता, मनोज कार्की, मनोज कुमार, विनीत लाल, सरोज जोशी, ललिता रावल, डॉ संदीप पांडे, मंजरी तिवारी आदि मौजूद थे।