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पशुधन प्रसार अधिकारियों की कमी से जूझ रहा पशुपालन विभाग, बमुश्किल चलाया जा रहा काम

प्रदेश सरकार गावों में पशुपालकों को लाभान्वित करने को तमाम योजना चला रही है लेकिन अल्मोड़ा जिला का पशुपालन विभाग पशुधन प्रसार अधिकारियों से जुझ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:16 AM (IST)
पशुधन प्रसार अधिकारियों की कमी से जूझ रहा पशुपालन विभाग, बमुश्किल चलाया जा रहा काम

संवाद सहयोगी, रानीखेत : प्रदेश सरकार गावों में पशुपालकों को लाभान्वित करने को तमाम योजना चला लाभ दिलाने के तमाम दावे करे पर गावो के लोगों को तो पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण सहित अन्य कार्यों के लिए पशुधन प्रसार अधिकारी ढूंढे नहीं मिल रहे। अकेले अल्मोड़ा जनपद में ही 59 पशुधन प्रसार अधिकारियों के पद रिक्त पडे़ है। रिक्त पदों से संबंधित विभाग को भी तमाम समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

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पहाड़ में समस्याएं भी पहाड़ सरीखी बनती जा रही है। विद्यालयों के शिक्षक, अस्पतालों के चिकित्सक व सुविधा विहीन होने की समस्या तो आम हो चुकी है। रोजगार के अभाव में खाली होते गाव मुंह चिढ़ा रहे है। जंगली जानवरों के आतंक से चौपट होती खेती तो वहीं गावों में रोजगार का एकमात्र साधन पशुपालन भी अब टेढ़ी खीर बन चुका है फसलों के प्राथमिक उपचार, टीकाकरण, गर्भाधान, बधियाकरण आदि के लिए अब समुचित पशुधन प्रसार अधिकारी ही नहीं है। अकेले अल्मोड़ा जनपद में करीब 37 पशु अस्पताल है जबकि 104 पशु केंद्र है। जिलेभर में महज 45 पशुधन प्रसार अधिकारियों से बमुश्किल काम चलाया जा रहा है। जबकि संबंधित विभाग को 104 कर्मियों की आवश्यकता है। 59 कार्मिकों के ना होने से विभाग के पशुगणना समेत तमाम कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं ग्रामीणों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ====================

जौरासी व बासौट में चिकित्सक तक नहीं पशुपालन विभाग पशुधन प्रसार अधिकारियों की कमी से तो जूझ ही रहा तो वही जौरासी(चौखुटीया) तथा बासौट (भिकियासैंण) पशु चिकित्सालय में चिकित्सक की भी तैनाती नहीं है जिस कारण ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गावों में आय का एकमात्र जरिया बचे पशुपालन से भी अब ग्रामीणों का मोहभंग होने लगा है। ============ पशुधन प्रसार अधिकारियों की कमी है। तमाम कार्य प्रभावित हो रहे है।कम कर्मचारी होने के बावजूद काम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों की तैनाती को उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया गया है। कर्मचारी मिलते ही रिक्त स्थानों पर तैनाती की जाएगी।

- डॉ. रविंद्र चंद्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अल्मोड़ा


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