लक्जरी कार से आए थे पांचों हथियारबंद
रानीखेत नगर के श्रीधरगंज में स्वर्ण कारीगर (सुनार) के कमरे में घुसे संदिग्ध हथियारबंद लक्जरी कार से पहुंचे थे। हो हल्ला मचने के बाद फरार असलाहधारी जिस कार में बैठ नगर से बाहर निकले वह सदर बाजार स्थित एक प्रतिष्ठान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है।
संस, रानीखेत : नगर के श्रीधरगंज में स्वर्ण कारीगर (सुनार) के कमरे में घुसे संदिग्ध हथियारबंद लक्जरी कार से पहुंचे थे। हो हल्ला मचने के बाद फरार असलाहधारी जिस कार में बैठ नगर से बाहर निकले, वह सदर बाजार स्थित एक प्रतिष्ठान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। पुलिस ने नाकेबंदी कर पांचों संदिग्ध युवकों की धरपकड़ तेज कर दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरुआती तफ्तीश में पूरा मामला लेनदेन से जुड़ा नजर आ रहा है और करीबियों के इशारे पर संदिग्ध लोगों की घुसपैठ का भी अंदेशा है।
मामला रविवार की सुबह का है। मूलरूप से बिजनौर (उत्तर प्रदेश) निवासी नरेंद्र कुमार वर्मा नगर के श्रीधरगंज स्थित किराए के कमरे में पांच संदिग्ध घुस आए थे। उन्होंने सेना भर्ती के लिए रानीखेत आने व अंगूठी बनवाने की बात कही। मगर नगर में भर्ती प्रक्रिया न चलने व अंगूठी के लिए दुकान के बजाय सीधे कमरे में धमकने से सुनार का माथा ठनका। तभी संदिग्ध युवकों की जैकेट के भीतर बट पर नजर पड़ने के बाद नरेंद्र व उसका पुत्र सतर्क हो गया। इसी बीच एक संदिग्ध ने कमरे का मुख्य गेट बंद करने का प्रयास किया तो सुनार पिता व पुत्र ने विरोध कर होहल्ला किया। धक्कामुक्की के बीच पकड़े जाने के डर से संदिग्ध हथियारबंद लगजरी कार से फरार हो गए थे।
तीसरी आंख पर कप्तान ने उठाया कदम
सुबह सवेरे अजनजान हथियारबंदों की मोहल्ले में घुसपैठ से नगर में हड़कंप मच गया। पुलिस ने विभागीय सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो वह बेकाम के निकले। कुछ प्रतिष्ठानों के कैमरों में चार पांच संदिग्ध तेजी से भागते और लक्जरी कार के गांधी चौक व सदर बाजार से गुजरती नजर आई। इसी आधार पर शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर एसएसपी पंकज भट्ट ने पुलिस विभाग के सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। स्वर्ण कारीगर बहुत कुछ नहीं बता पा रहा है, लेकिन पूरा मामला आपसी लेनदेन और व्यक्तिगत ही है। सीसीटीवी फुटेज में कार दिखी है, लेकिन नंबर स्पष्ट न है। जांच तेज कर दी है। उम्मीद है जल्द पता लगा लेंगे।
- राजेश यादव, कोतवाल रानीखेत काफी समय से पुलिस के सीसीटीवी कैमरों की सर्विसिंग न होने से खराब पड़े हैं। टाइम पिरियड खत्म हो गया है। विधायक निधि से नए उपकरण खरीदे जा सकते हैं, रिपयेरिंग नहीं कराई जा सकती। हमने मरम्मत करा जरूरत के अनुरूप नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दे दिए हैं। दो तीन दिन में दुरुस्त कर लिए जाएंगे।
- पंकज भट्ट, एसएसपी, अल्मोड़ा