खंडहर बने जीआइसी झीपा का होगा कायाकल्प
मानिला में उपेक्षा से जर्जर राजकीय इंटर कालेज झीपा के कायाकल्प की उम्मीद जगी है।
संस, मानिला (अल्मोड़ा): उपेक्षा से जर्जर राजकीय इंटर कालेज झीपा के कायाकल्प की उम्मीद जगी है। 'जागरण' की खबर पर हरकत में आए उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड (यूटीडीबी) उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलख्वाल के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने खंडहर बन चुके व गिरताऊ कक्षा कक्षों के पुनर्निर्माण के निर्देश दे दिए हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग के कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी फंड (सीएसआर) से बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
सल्ट ब्लाक के झीपा गांव में ढाई दशक पूर्व बना जीआइसी भवन जर्जर हालत में है। आठ कक्षा कक्षों में से तीन धराशायी हो चुके हैं। तीन कक्षों का लिंटर ढहने की कगार पर है। प्रार्थना स्थल पर पड़ी दरारें बरसात में ध्वस्त होने का संकेत देने लगी हैं। शिक्षा मंदिर की उपेक्षा व रखरखाव के अभाव में यहां छात्र संख्या 400 से घट कर 106 रह गई है।
खतरे मुहाने पर शिक्षा व नौनिहालों की सुरक्षा से जुड़े इस ज्वलंत मुद्दे को 'दैनिक जागरण' ने 19 फरवरी के अंक में प्रमुखता से उठाया। उधर यूटीडीबी उपाध्यक्ष गोविंद पिलख्वाल की पहल पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएसआर फंड से विद्यालय भवन के पुनर्निर्माण के निर्देश दे दिए हैं।
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शिक्षक अभिभावक खुश
पूर्व प्रधानाचार्य एवं अभिभावक संघ अध्यक्ष माधो सिंह नेगी व विहिप जिलाध्यक्ष मंगल सिंह बिष्ट ने यूटीडीबी उपाध्यक्ष पिलख्वाल की पहल को विद्यालय व छात्र हित में बताया। कहा कि उन्हीं के प्रस्ताव पर सीएम ने निर्देश जारी किए हैं। पीटीए अध्यक्ष के अनुसार 15 किमी के दायरे में इकलौता इंटर कालेज की उपेक्षा से छात्रों का अहित हो रहा है।
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सल्ट के जीआइसी झीपा के बदहाल विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार को मुख्यमंत्री से आग्रह किया था। सीएम ने सीएसआर फंड के तहत कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं। विभागीय स्तर पर एस्टीमेट बनवा कर जल्द ही पुनर्निर्माण शुरू कराया जाएगा।
-गोविंद पिलख्वाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड