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गुस्साए लीसा कारोबारियों ने वन विभाग पर जड़ा ताला

पिछले पांच सालों लीसे का भुगतान न होने से गुस्साए लीसा कारोबारियों ने वन विभाग के दफ्तर तालाबंदी कर दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:17 AM (IST)
गुस्साए लीसा कारोबारियों ने वन विभाग पर जड़ा ताला
गुस्साए लीसा कारोबारियों ने वन विभाग पर जड़ा ताला

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पिछले पांच सालों लीसे का भुगतान न होने से गुस्साए लीसा कारोबारियों ने बुधवार को वन विभाग के तीनों कार्यालयों पर तालाबंदी की दी। व्यवसायियों ने तालाबंदी के बाद विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरना भी दिया। व्यवसायियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक तालाबंदी जारी रहेगी। इधर, तालाबंदी के कारण बुधवार को वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी काफी परेशान रहे और कार्य भी प्रभावित रहा।

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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिलेभर के लीसा व्यवसायी माल रोड पर स्थित डीएफओ कार्यालय पर एकत्र हुए और नारेबाजी कर सिविल सोयम व अल्मोड़ा वन प्रभाग के कार्यालय पर तालाबंदी कर दी। इसके बाद कर्मचारी वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं वृत्त कार्यालय पहुंचे और वहां भी तालाबंदी कर दी।

तालाबंदी के बाद आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि वे लंबे समय से अपने भुगतान की मांग विभाग से करते आए हैं, लेकिन अधिकारी उनकी उपेक्षा करने पर तुले हुए हैं। इसे अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लीसा व्यवसायियों ने एलान किया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, तालाबंदी जारी रहेगी। इधर, तालाबंदी के कारण विभाग के अधिकारी, कर्मचारी परेशान दिखे। विभागीय कार्यों पर भी इसका काफी असर दिखाई दिया।

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तालाबंदी में ये व्यवसायी रहे मौजूद

हरीश पांडे, सुरेंद्र बेलवाल, राजेंद्र किरौला, दिगंबर सिंह, भूपाल रावत, कुशाल सिंह, पीसी जोशी, विनोद जोशी, चेतन जोशी, पूरन पाटनी, गणेश, खीम सिंह, राधा बल्लभ, विपिन, राजेंद्र, दीपक, मोहन, ललित, मंजू, संजय, कैलाश, दिनेश, गिरीश पेटशाली, महिपाल, पान सिंह, तुलसी, हीरा, बसंती, रूपा, गीता, चंदन, लछम सिंह, चंदन, कृपाल, नंदन आदि।

वर्जन

लीसे के नए रेट शासन द्वारा तय किए जाने हैं। जहां तक लंबित मामलों का सवाल है, उन्हें निस्तारित करने के प्रयास भी जारी हैं। इसकी जानकारी समय समय पर व्यवसायियों को दी जाती रही है।

-भूपाल सिंह बिष्ट, प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी, वन प्रभाग अल्मोड़ा


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