Move to Jagran APP

पेयजल लाइनों का पुनर्गठन मामला केंद्र के पाले में

सांस्कृतिक नगरी को गर्मियों में जल संकट से निजात दिलाने के लिए पेयजल निगम ने प्रस्ताव तैयार किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 11:02 PM (IST)
पेयजल लाइनों का पुनर्गठन मामला केंद्र के पाले में

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी को गर्मियों में जल संकट से निजात दिलाने के लिए पेयजल निगम ने पेयजल लाइनों के पुनर्गठन की गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। जल निगम ने अल्मोड़ा और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की इन लाइनों के पुनर्गठन को करीब 114 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। इसे स्वीकृति मिली तो नगर समेत आसपास के गांवों में लोगों के हलक गर्मियों में तर रहेंगे।

loksabha election banner

अल्मोड़ा नगर में पेयजल की समस्या कोई नई बात नहीं है। इससे निपटने के लिए कोसी नदी में करोड़ों रुपये की लागत से बैराज का निर्माण भी कराया गया। लेकिन जर्जर पेयजल लाइनों के चलते नगर को जरूरत के मुताबिक 18 एमएलडी प्रतिदिन की जगह महज आठ से नौ एमएलडी पानी प्रतिदिन मुहैया हो पा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए जल निगम ने पेयजल लाइनों के पुनर्गठन के लिए 114 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया है। इसे केंद्र सरकार की बाह्य सहायतित योजना में शामिल भी कर लिया गया है। प्रस्ताव को अगर स्वीकृति मिली तो नगर की डेढ़ लाख से अधिक की आबादी के अलावा आसपास के 35 गांवों की पेयजल समस्या भी दूर हो जाएगी। योजना में निगम ने पांच एमएलडी पानी कपिलेश्वर पेयजल योजना से लेने का भी प्रस्ताव रखा है।

---

इंसेट

वर्षों पुरानी पेयजल योजना के पुनर्गठन का करीब 114 करोड़ का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा है। कोशिश है कि नगर समेत आसपास के इलाकों में पानी की निर्बाध आपूíत हो सके। योजना को स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

केडी भट्ट, अधिशासी अभियंता, जल निगम, अल्मोड़ा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.