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डामरीकरण के इंतजार में बीत गए दस बरस

रानीखेत में पर्वतीय क्षेत्रों में दूरस्त गावों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बनाई गई सड़क बदहाल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:18 AM (IST)
डामरीकरण के इंतजार में बीत गए दस बरस

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों में दूरस्त गावों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बनाई गई सड़कें खस्ताहाल होती जा रही हैं। बावजूद संबंधित विभाग सुध नहीं ले रहा। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से ताडी़खेत ब्लाक के तमाम गावों को जोड़ने वाले बजोल अल्मियाकाडे मोटर मार्ग में पिछले दस वषरें से डामरीकरण ना होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

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गावों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए भारी-भरकम बजट खर्च किया जाता है पर अब हालात बदलते जा रहे हैं। एक बार रोड कटान हो जाने के बावजूद मोटर मार्ग की सुध नहीं ली जा रही। कुछ ऐसी ही हकीकत बया कर रहा है बजोल अल्मियाकाडे मोटर मार्ग। स्टेट हाईवे से ताडी़खेत ब्लाक के कनार, खडौली, मंगडोली, ईडा़, रिकौसा, पोखरी आदि तमाम गावो को जोड़ने के लिए वर्ष 2010 में लाखों रुपये की लागत से 2.5 किमी सड़क निर्माण किया गया। आलम यह है कि दस वर्ष पूर्व मोटर मार्ग निर्माण तो कर दिया गया पर उसके बाद संबंधित विभाग ने मोटर मार्ग की ओर देखने की जहमत तक नहीं उठाई। डामरीकरण ना होने से गावो के लोगो को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मोटर मार्ग के खस्ताहालत में पहुंच जाने से कई बार दुर्घटना की आशका भी बनी रहती है। बारिश होने पर खतरा दोगुना बढ़ जाता है। बावजूद संबंधित विभाग सुध नहीं ले रहा।

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कई मायने में महत्वपूर्ण भी है मोटर मार्ग

स्टेट हाईवे से तमाम गावों को जोड़ने के लिए बनाया गया बमस्यू अल्मियाकाडे मोटर मार्ग पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। इस मोटर मार्ग से आसानी से चौबटिया स्थित सेब बागान पहुंचा जा सकता है वहीं पर्यटन नगरी रानीखेत भी आवाजाही होती है। बावजूद मोटर मार्ग की अनदेखी की जा रही है।

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पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण होने लगे लामबंद डामरीकरण ना होने से अब ग्रामीणों का पारा भी चढ़ने लगा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य भूपेंद्र देव, बालम सिंह करायत, भुवन फर्त्याल, अनूप सिंह, रमेश सिंह, गोपाल सिंह, महेंद्र सिंह, कुंदन सिंह, प्रकाश चंद्र आदि ने संबंधित विभाग पर गावों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगा है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द मोटर मार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया तो सड़क पर उतर आदोलन शुरु किया जाएगा।

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मोटर मार्ग में प्रथम चरण का कार्य कई वर्ष पूर्व पूरा कर लिया गया है। डामरीकरण व अन्य कायरें के लिए करीब ढाई करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा भी गया है। स्वीकृति मिलने के बाद ही डामरीकरण का कार्य कराया जा सकेगा।

- कुंदन सिंह बिष्ट, प्रभारी अधिशासी अभियंता, लोनिवि।


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