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अल्मोड़ा में 17 वर्षो में नहीं बनी 20 किमी सड़क

अल्मोड़ा में 17 वर्षो बाद भी कफड़ा तिपौला रोड का काम पूरा न होने पर ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 09:17 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:17 AM (IST)
अल्मोड़ा में 17 वर्षो में नहीं बनी 20 किमी सड़क
अल्मोड़ा में 17 वर्षो में नहीं बनी 20 किमी सड़क

जागरण टीम, अल्मोड़ा/ द्वाराहाट: पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीण विकास की कुंजी यानी सड़कों के निर्माण की धीमी प्रगति पर जनाक्रोश पनपने लगा है। 17 वर्षों बाद भी कफड़ा तिपौला रोड का काम पूरा न होने पर ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। बुधवार को लोनिवि की कार्यशैली के खिलाफ प्रदर्शन किया। रुका निर्माण कार्य जल्द शुरू करने को लेकर 20 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए सामूहिक अनशन की चेतावनी दे डाली। उधर, जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़कों की दुर्दशा पर कांग्रेसियों ने भी आंदोलन का एलान किया है।

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दरअसल, वर्ष 2003 में कफड़ा बाजार से तिपौला तक जिला प्लान से दो किमी लंबी सड़क को मंजूरी मिली। मकसद था करीब 10 हजार की आबादी को सड़क सुविधा से जोड़ना। फिर स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत 2006 में तीन किमी तक की स्वीकृति और मिली। 2008 में राज्य योजना से 12 किमी तथा वर्ष 2010 में तीन किमी आगे बढ़ी। कुल 20 किमी लंबी रोड को सैद्धांतिक व वित्तीय मंजूरी दे दी गई।

आलम यह है कि किमी-11 पर खिरो नदी गार्डर पुल ही नहीं बन सका है। 10 वर्ष पूर्व तिपौला तक शेष नौ किमी रोड बनाई भी तो डामरीकरण के बगैर आधी-अधूरी छोड़ दी गई।

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पत्र का जवाब न मिलने पर चढ़ा पारा

सड़क के लिए गठित संघर्ष समिति से जुड़े ग्रामीण बुधवार को सड़क पर उतर आए। कार्यदायी संस्था लोनिवि के साथ ही शासन प्रशासन पर गुबार निकाला। लोगों में इसलिए भी गुस्सा था कि बीती नौ जुलाई को सचिव, आयुक्त, डीएम व विधायक पत्र भेज सड़क निर्माण शीघ्र करने की मांग की गई थी। मगर सकारात्मक जवाब न मिलने पर आक्रोश भड़क उठा। उन्होंने खिरो नदी पर पुल निर्माण व डामरीकरण शुरू न होने पर 20 अगस्त से सामूहिक भूख हड़ताल का एलान किया। इस मौके पर संघर्ष समिति अध्यक्ष बचे सिंह बिष्ट, बीडीसी सदस्य बीना देवी व ममता रावत, ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह व रेखा बिष्ट, पृथ्वीपाल सिंह, माधो सिंह, भवान सिंह, नवीन पाडे, ललित सिंह, बहादुर राम, भूपाल राम, त्रिलोक राम, कमला देवी, नीतू रावत आदि शामिल रहे।

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'कोरोना के कारण पुल निर्माण में लगे विशेषज्ञ, मजदूर बाहरी राज्यों में फंसे रहे। अब कार्य प्रगति पर है। समय सीमा तय कर दी गई है। रोड पर शेष डामरीकरण के लिए संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा है। समिति अध्यक्ष को नौ जुलाई के पत्र का जवाब एक सप्ताह पूर्व डाक से भेज दिया था।

- एमसी जोशी, ईई लोनिवि'

--------------- सड़कों की दुर्दशा पर आंदोलन करेंगे कांग्रेसी

संस, अल्मोड़ा : दूर गांवों की तो छोडि़ए जिला मुख्यालय से होकर गुजर रही सड़कें ही खस्ताहाल हैं। हाल में पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक के लोअर माल रोड की दुर्दशा पर चक्काजाम किया था। बुधवार को अन्य सड़कों की बदहाली पर नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा कि पूर्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर चेताया जा चुका है। उसके बावजूद विभाग सुध नहीं ले रहा। मुख्य मालरोड, रानीधारा, पातालदेवी, एलआर साह, करबला-धारानौला आदि तमाम सड़कें बदहाल हो चुकी हैं। वहीं सोमेश्वर अल्मोड़ा रोड के हाल भी खराब हैं। === ==


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