पंचायत के रण में नहीं होगा पॉलीथिन
दीप सिंह बोरा, अल्मोड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभर में 'सिंगल यूज प्लास्टिक' पर पाबंदी सं
दीप सिंह बोरा, अल्मोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभर में 'सिंगल यूज प्लास्टिक' पर पाबंदी संबंधी मुहिम का असर ही नहीं राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बहाने उस पर अमल भी शुरू हो गया है। पंचायत के रण में उतरने से पहले प्रत्याशियों को बकायदा 'शपथ पत्र' देना होगा। इसमें स्पष्ट करना होगा कि चुनाव में वे प्लास्टिक प्रचार सामग्री का न तो ऑर्डर देंगे ना ही इसका उपयोग करेंगे। ऐसा अभिनव प्रयोग वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
अबकी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कुछ खास रहेगा। ग्राम प्रधान, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार तभी चुनाव लड़ सकेंगे, जब वह प्लास्टिक या पॉलीथिन से तैयार प्रचार सामग्री का प्रयोग न करने संबंधी शपथपत्र भरेंगे। अहम पहलू यह कि शपथ पत्र न देने पर संबंधित प्रत्याशी अयोग्य ठहराए जा सकते हैं।
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10 रुपये का होगा शपथपत्र
शपथपत्र 10 रुपये के नॉन जूडिशियल स्टांप पेपर पर नोटरी तथा विहित प्राधिकारी से प्रमाणित करा देना होगा। शपथपत्र के साथ ही अदेयता, प्रत्याशी एवं प्रस्तावक के मतदाता सूची के अंश की प्रमाणित प्रति, कोषागार में जमा की गई जमानत धनराशि के ट्रेजरी चालान की मूल प्रति या नगद जमा जमानत धनराशि की दशा में 385 की शासकीय रसीद संलग्न करनी होगी।
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ऐसे करने होंगे संलग्न
अनुसूचित जाति, जनजाति या पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित सीट अथवा पद पर चुनाव लड़ने वाले ग्राम पंचायत सदस्य नामाकन पत्र के साथ घोषणापत्र 'अ' जबकि प्रधान, जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार शपथपत्र 'ब' में जाति प्रमाणपत्र के साथ संलग्न करेंगे। वहीं महिला प्रत्याशी का जाति प्रमाणपत्र उसके विवाह के पूर्व की जाति से संबंधित होगा।
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जमानत की राशि तय
ग्राम पंचायत सदस्य के सामान्य उम्मीदवारों के लिए 300 रुपये, एससी एसटी व ओबीसी 150, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (सामान्य) के लिए 1500, एससी एसटी, ओबीसी व महिला उम्मीदवार 750, जिपं सदस्य सामान्य उम्मीदवार तीन हजार तथा एससी एसटी, ओबीसी व महिला उम्मीदवार के लिए 1500 रुपये जमानत धनराशि तय की गई है।
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मतदाता होना जरूरी
ग्राम पंचायत सदस्य या प्रधान पद पर प्रत्याशी को उसी ग्राम पंचायत का जबकि जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए उसी क्षेत्र के किसी वार्ड (प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र) का मतदाता होना जरूरी है।
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खर्च की सीमा तय
सदस्य ग्राम पंचायत उम्मीदवार 10 हजार, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य 50 हजार तथा जिपं सदस्य के लिए खर्च की सीमा अधिकतम 1.40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। निर्वाचन अधिकारी नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद प्रत्याशियों को प्रमाणित निर्वाचन व्यय विवरण रजिस्टर देंगे। चुनाव परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर पंचस्थानि चुनावालय में इन्हें अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा।
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'प्लास्टिक व पॉलीथिन पर प्रतिबंध के मकसद से यह कदम उठाया गया है। चुनाव में प्लास्टिक से बनी प्रचार सामग्री पर सख्ती से पाबंदी तो रहेगी ही, प्रत्याशियों को शपथ पत्र भी भरकर देना होगा।
- रोशन लाल, सचिव राज्य निर्वाचन आयोग'