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आतंक का पर्याय बना गुलदार का कुनबा

संवाद सहयोगी द्वाराहाट दर्जनों मवेशियों के निवाला बना चुका गुलदार का कुनबा दिन दोपहर खेतों

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 01:26 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 06:31 AM (IST)
आतंक का पर्याय बना गुलदार का कुनबा

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : दर्जनों मवेशियों के निवाला बना चुका गुलदार का कुनबा दिन दोपहर खेतों में विचरण कर रहा है। जिस कारण महिलाओं का खेती कार्य ठप पड़ा है। सूचना के बावजूद वन विभाग द्वारा पिंजरा न लगाए जाने से लोगों में रोष है।

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विकासखंड के रिष्कनघाटी स्थित सिमलगाव, नैणी, पैठानी, नौरी, मौहणी आदि गावों में गुलदार व उसके तीन शावक लंबे समय से आतंक का पर्याय बने हैं। पखवाड़े के भीतर गोपाल सिंह, आनंद सिंह व हर सिंह की गाय को निवाला बनाने के साथ ही गुलदार ने देब सिंह, नवीन सिंह आदि की दर्जनभर से अधिक बकरिया मार डालीं हैं। ग्रामीणों के अनुसार दिन में ही घरों के नजदीकी खेतों में इनके घूमने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। महिलाओं ने घास काटने के लिए खेतों में जाना बंद कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने क्षेत्र में तत्काल पिंजरा लगाने व प्रभावित परिवारों को मुआवजे की माग की है।

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गुलदार ने मार डाली गोशाले में बंधी भैंस

भाकुड़ा (स्याल्दे) : स्याल्दे ब्लॉक के जसपुर गांव में बीते दिनों गुलदार ने जयंती देवी के गोशाले में बंधी भैंस का मार डाला। जयंती देवी ने बताया कि वह दिन में खेतों में काम करने गई थी। जब वह वापस घर लौटी और गोशाले में भैंस को चारा देने गई तो उसके होश उड़ गए। कहा गोशाले के अंदर बैठे गुलदार ने भैंस को मारा डाला। चीखने चिल्लाने पर आसपास के लोग भी इक्कठा हो गए। हो हल्ला करने पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया। गांव के दिगंबर सिंह आदि ने ग्रामीणों ने प्रभावित महिला को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।


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