दशकों बाद भी सरयूघाटी क्षेत्र की समस्याएं जस की तस
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : विकास खंड भैसियाछाना का सरयू घाटी क्षेत्र आजादी के सात दशकों के बाद भी पिछड़ा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : विकास खंड भैसियाछाना का सरयू घाटी क्षेत्र आजादी के सात दशकों के बाद भी पिछड़ा हुआ है। शिक्षा, सड़क तथा बिजली जैसी सुविधाओं से जूझ रहा है। क्षेत्रीय जनता ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर जल्द समस्याओं का समाधान करवाए जाने का आग्रह किया है।
जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में विकास संघर्ष समिति तल्ला रीठागाड़ ने कहा है कि सेराघाट-कुंजकिमौला-नैनी मोटरमार्ग के निर्माण कार्य शुरू होने के सात सालों बाद भी सड़क में अभी तक सोलिंग व डामरीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। साथ ही जिन ग्रामीणों की रोड कटिंग के लिए कृषि भूमि अधिग्रहित की गई। उसका मुआवजा भी उन्हें नहीं मिल पाया है। वहीं इस मोटर मार्ग में जैंगन नदी तथा ल्वेटा गधेरे में पुलों का निर्माण कार्य भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। जिसके चलते बरसात के मौसम में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था का भी कोई पुरसाहाल नहीं है। जिससें ग्रामीणों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कहा गया है कि हटोला में निर्मित विद्युत सब स्टेशन को अभी तक चालू नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने विद्युत सब स्टेशन को स्यालीधार के बदले काफलीगैर सब स्टेशन से जोड़ने की मांग उठाई है। क्षेत्र के विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज खाटवे में इंटर कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। इस विद्यालय का उच्चीकरण साल 2016 में किया गया। हाईस्कूल के शिक्षक ही इंटर की कक्षाओं को जैसे तैसे पढ़ा रहे हैं। वहीं राजकीय इंटर कॉलेज भल्यूटा का भी बुरा हाल है। इंटर स्तर पर मात्र दो ही प्रवक्ता तैनात हैं। मुख्य बाजार सेराघाट में विगत 10 साल पहले सड़क सुधारीकरण का कार्य किया गया, जिसमें रोड से पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से राहगीरों को आवागमन में भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वालों में बंशीधर पांडे, क्षेत्र पंचायत सदस्य नंदी देवी, दीवान सिंह, राजेंद्र कुमार आदि शामिल हैं।