बगैर शिक्षकों के चल रही है पढ़ाई की कवायद
संवाद सहयोगी चौखुटिया शिक्षकों के तैनाती के आस में एक और शिक्षा सत्र बीत गया है तथा
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : शिक्षकों के तैनाती के आस में एक और शिक्षा सत्र बीत गया है तथा नया शिक्षा सत्र भी आरंभ हो गया है, लेकिन आज भी अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या मुंह-बाए खड़ी है। यह बात उन विद्यालयों के लिए और भी चिंता का विषय है, जो लंबे समय से शिक्षकों की कमी को झेल रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल यहां राजकीय इंटर कालेज महाकालेश्वर का है, जहां इंटर कक्षाओं में पढ़ाने के लिए महज दो ही प्रवक्ता हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा। जो एक विचारणीय सवाल है।
राजकीय इंटर कॉलेज महाकालेश्वर विकास खंड का दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र का विद्यालय है, जो अनेक गांवों के केंद्र बिंदु में स्थित है। यहां नौगांव, अखोड़िया, छाना, गड़स्यारी, बसभीड़ा, बमनगांव, मिरई, मैहलचौरा व दंतोला समेत आसपास के कई गांवों के 240 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। मगर शिक्षकों की भारी कमी के चलते विद्यालय में पठन-पाठन का बुरा हाल है। हालत यह है कि बीते कुछ वर्षो से इंटर कक्षाओं में बिना प्रवक्ताओं के ही पढ़ाई की कवायद चल रही है। नौ सृजित पदों के सापेक्ष महज दो प्रवक्ता तैनात हैं। एलटी स्तर पर भी तीन पद खाली हैं। नतीजा अपने पाल्यों को लेकर अभिभावकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं तथा प्रवक्ता न होने से वे बच्चों को दूर के विद्यालयों में भेजने के लिए विवश हैं तथा वर्ष दर वर्ष विद्यालय की छात्र संख्या तेजी से घट रही है।
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एक नजर प्रवक्ताओं के खाली पदों पर
विद्यालय में प्रवक्ताओं के सृजित पद-9
वर्तमान में तैनात प्रवक्ता महज -2
खाली पद -हिदी, भौतिक, रसायन विज्ञान
जीव विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र,
नागरिक शास्त्र व समाज शास्त्र
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बार बार के आश्वासनों से अभिभावकों में आक्रोश
अभिभावकों का कहना है कि वे वर्षो से प्रवक्ताओं की तैनाती को लेकर मांग करते आ रहे हैं। गत वर्ष अभिभावक संघ के बैनर तले आंदोलन भी किया गया, मगर उन्हें आश्वासनों के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ तथा शिक्षकों की कमी का मसला जस का तस बना है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं। अभिभावक संघ के अध्यक्ष सूरज सिंह कुमयां, गोबिंद बल्लभ उपाध्याय, जीवन सिंह अधिकारी, मदन राम व दीपक नेगी आदि ने शीघ्र तैनाती न होने पर जुलाई से फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है।
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पठन पाठन व्यवस्था चौकस करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों की कमी का दबाव कार्यरत शिक्षकों पर बढ़ गया है। जैसे तैसे कुछ पीटीए शिक्षकों से कार्य चलाया जा रहा है।
-गोपाल सिंह घुघत्याल, प्रभारी प्रधानाचार्य