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अल्मोड़ा-रानीखेत हाइवे पर तीन घंटे थमी रफ्तार

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : रविवार की दोपहर बाद मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ गया और तेज हवा और गरज के साथ बा

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 11:30 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 11:30 PM (IST)
अल्मोड़ा-रानीखेत हाइवे पर तीन घंटे थमी रफ्तार
अल्मोड़ा-रानीखेत हाइवे पर तीन घंटे थमी रफ्तार

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : रविवार की दोपहर बाद मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ गया और तेज हवा और गरज के साथ बारिश शुरू हो गई। तेज हवा के कारण अल्मोड़ा रानीखेत हाइवे पर ज्योली के पास अचानक एक विशालकाय चीड़ का पेड़ गिरकर मुख्य मार्ग पर आ गिरा। जिस कारण इस मार्ग पर करीब तीन घंटे रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा। सूचना के बाद आपदा प्रबंधन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और काफी देर की मशक्कत के बाद पेड़ को काटकर मार्ग से हटाकर यातायात को सुचारू किया गया।

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रविवार को मौसम का मिजाज बिगड़ा तो दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। तेज हवाओं के कारण अल्मोड़ा रानीखेत मोटर मार्ग पर वनाग्नि से कमजोर हो चुका एक विशालकाय पेड़ मुख्य मार्ग पर आ गिरा। जिस कारण अल्मोड़ा से रानीखेत और रानीखेत से अल्मोड़ा की ओर आने जाने वाले सैंकड़ों वाहन जाम में फंस गए। इस मार्ग पर काफी संख्या में वाहन जाम में फंस गए तो आनन फानन में इसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम में दी गई। जिसके बाद आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी के निर्देश पर आपदा और फायर विभाग की टीम अपने उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद पेड़ के अनेक टुकड़े कर उसे मार्ग से हटाया गया और वाहन अपने गंतव्य की ओर रवाना हो पाए।

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संयोग ने नहीं हुआ कोई बड़ा हादसा

ज्योली के पास पेड़ गिरने की घटना के दौरान संयोग से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। दरअसल रविवार को सुबह से आसमान में बादल तो छाए थे। लेकिन धूप आंख मिचौली का खेल भी खेल रही थी। रविवार को दिन होने के कारण इस मार्ग पर सैलानियों समेत यात्री वाहनों की आवाजाही भी काफी अधिक रहती है। लेकिन दोपहर बाद जैसे ही मौसम खराब हुआ अचानक यह विशालकाय पेड़ अचानक मुख्य मार्ग पर आ गिरा। संयोग से उस समय से यहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। जिस कारण बड़ा हादसा टल गया।

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खतरे से जागरण कर चुका था सचेत

पर्वतीय क्षेत्रों की वनाग्नि की घटनाओं से सड़कों के किनारे खड़े पेड़ों के जलने और उनके कमजोर होकर गिरने के खतरे के प्रति जागरण पहले ही लोगों को आगाह कर चुका था। दरअसल इस मार्ग पर जंगल की आग से सैंकड़ों विशालकाय पेड़ जलकर जड़ से काफी कमजोर हो गए हैं। जो जरा सी हवा चलने पर गिर कर किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। जागरण ने रविवार के अंक में इस संबंध में खबर भी प्रकाशित की थी, लेकिन हादसों के सामने आने के बाद भी वन विभाग अब भी इस मामले में हाथ पर हाथ धरा बैठा है। विभाग में लापरवाही चलती रही तो मानसून सीजन में भी खोखले हो चुके यह पेड़ बड़े हादसों का सबब बन सकते हैं।

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