आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को मिलेगी राहत
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और लाचार बच्चों को निश्शुल्क
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और लाचार बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहे स्कूलों के लिए अच्छी खबर है। पिछले चार सालों से आरटीई के तहत स्कूलों को मिलने वाली धनराशि अब शासन ने एकमुश्त जारी कर दी है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अब इस धनराशि को संबंधित स्कूलों को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले में आíथक रूप से कमजोर बच्चों को दो श्रेणियों में शिक्षा प्रदान की जाती है। विभाग ने इसके लिए श्रेणी 2 डी में एससी, एसटी और ओबीसी तथा श्रेणी 2 ई में आíथक रूप से कमजोर बच्चों को रखा है। ये सभी बच्चे जिले के अलग अलग निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते हैं और इनकी शिक्षा का खर्च केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से वहन करते हैं। लेकिन पिछले चार सालों से निजी विद्यालयों को मिलने वाली यह धनराशि शासन से अवमुक्त नहीं हो पा रही थी। जिस कारण कुछ निजी स्कूल इन वर्गों में आने वाले छात्र छात्राओं को प्रवेश देने में कोई खास रुचि नहीं ले रहे थे। हालांकि इन बच्चों को प्रवेश देना निजी स्कूलों की बाध्यता थी। लेकिन बजट के अभाव में कई विद्यालय अभिभावकों को उनके पाल्यों के प्रवेश के लिए बार-बार स्कूलों के चक्कर लगवा रहे थे। लेकिन अब निजी विद्यालयों की इस समस्या का समाधान हो गया है। शासन ने विभाग को अब आरटीई के वर्ष 2015 से 2018 तक का पूर्ण भुगतान कर दिया है। जिले में शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों के भुगतान के लिए करीब तीन करोड़, तिरानबे लाख तीस हजार रुपये अवमुक्त भी कर दिए गए हैं। जिसके बाद अब अधिकारियों ने संबंधित पटल को यह धनराशि संबंधित स्कूलों को भेजने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
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सर्व शिक्षा के पास शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पिछले चार सालों की रूकी हुई धनराशि प्राप्त हो गई है। अधिनियम के तहत पात्र बच्चे प्रवेश से वंचित न रहें इसके लिए पूरे पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। संबंधित अधिकारियों को निजी स्कूलों को भुगतान के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
-जगमोहन सोनी, मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा
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