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दुष्कर्म मामले में दो को अंतिम सांस तक कारावास

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा दुष्कर्म के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शमा

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 06:32 AM (IST)
दुष्कर्म मामले में दो को अंतिम सांस तक कारावास
दुष्कर्म मामले में दो को अंतिम सांस तक कारावास

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : दुष्कर्म के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ साथ दोनों अभियुक्तों को 50 हजार का अर्थदंड भी जमा करना होगा। अर्थदंड की राशि को विशेष सत्र न्यायाधीश ने पीड़िता को देने के आदेश भी दिए हैं।

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अभियोजन के अनुसार चौदह अक्टूबर 2018 को संदीप नेगी नाम का एक व्यक्ति अपनी कार से रामनगर से धूमाकोट की ओर आ रहा था। रास्ते में मरचूला के पास संदीप को एक खाई से किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। संदीप ने रूककर देखा तो वहां एक किशोरी घायल हालत में पड़ी थी। हादसे की सूचना के बाद महिला पुलिस ने किशोरी को वहां से निकाला और घायल हालत में उसे मेडिकल के लिए महिला अस्पताल अल्मोड़ा भेजा गया। पूछताछ के दौरान किशोरी ने बताया कि उसके परिजनों ने उसका विवाह 27 अगस्त 2018 को गाजियाबाद के खोड़ा निवासी सूरज पाल के साथ कर दी थी। किशोरी ने बताया कि विवाह के कुछ दिनों के बाद उसका पति सूरल पाल एक वाहन बुक कराकर उसे घुमाने के बहाने सल्ट की ओर ले आया। किशोरी ने बताया कि इस दौरान उसके पति सूरज और वाहन चालक सोहन सिंह बिष्ट ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में उसे जान से मारने की नीयत से गहरी खाई में फेंक दिया। इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश चंद्र फुलारा, सहायक अधिवक्ता शेखर चंद्र नैलवाल और विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने इस मामले की प्रबल पैरवी की और न्यायालय में नौ गवाह परीक्षित कराए। निर्भया प्रकोष्ठ की अभिलाषा तिवारी ने भी इस मामले में पूरा सहयोग किया। लिखित और मौखिक साक्ष्यों पर विचारण के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने दोनों अभियुक्त सूरज पाल को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और अलग-अलग धाराओं में तीस हजार रुपये के अर्थदंड और चालक सोहन सिंह को आजीवन कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष सत्र न्यायाधीश ने आदेश दिए है कि अर्थदंड की धनराशि पीड़िता को दे दी जाए।


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