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बढ़ती जा रही पहाड़ पर प्यास, नदी धारे बने आस

संवाद सहयोगी मौलेखाल/सोमेश्वर (अल्मोड़ा) पर्वतीय जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी की तपिश बढ

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 10:56 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 06:32 AM (IST)
बढ़ती जा रही पहाड़ पर प्यास, नदी धारे बने आस
बढ़ती जा रही पहाड़ पर प्यास, नदी धारे बने आस

संवाद सहयोगी, मौलेखाल/सोमेश्वर (अल्मोड़ा) : पर्वतीय जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही पेयजल किल्लत भी विकराल रूप धारण करने लगी है। लेकिन तमाम शिकायतों और अधिकारियों के निर्देश के बाद भी पेयजल महकमा लोगों के सूखे हलक तर करने में नाकाम साबित हो रहा है। मजबूरी में अब ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दूरदराज से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ रही है। विभाग की इस अव्यवस्था से अब ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में आक्रोश भी पनप रहा है।

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जिले के सल्ट और सोमेश्वर तहसीलों में इन दिनों पेयजल संकट काफी गहरा गया है। सल्ट के ग्रामीणों ने बताया कि यहां गुलासर करगेत पेयजल योजना से सैंकड़ों गांवों को पेयजल मुहैया कराया जाता है। लेकिन पिछले चार पांच दिनों से जालरीखान से लेकर शशीखाल बाजार और इससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूíत नहीं हुई है। जिस कारण लोगों का अधिकांश समय पेयजल की व्यवस्था में खत्म हो रहा है। इधर सोमेश्वर तहसील में भी मुख्य बाजार व आसपास के गांवों को पेयजल आपूíत करने वाली पल्यूड़ा पेयजल योजना लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। जिस कारण यहां भी पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने कहा है कि विभाग के अधिकारियों को कई बार पेयजल समस्या की जानकारी दी गई है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिस कारण अब ग्रामीण आसपास के नदी धारों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

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नई योजना भी साबित हो रही नासूर

मौलेखाल : सल्ट क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों और बाजारों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए यहां करोड़ों रुपये की पेयजल योजना से कोटेश्वर शशीखाल पेयजल योजना का निर्माण कराया जा रहा है। योजना का अधिकांश कार्य लगभग पूरा भी हो चुका है, लेकिन अभी भी महकमा इस योजना से लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। रही सही कसर विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली ने पूरी कर दी है। विभाग के अधिकारियों ने इस पेयजल योजना से आ रहा दूषित पानी उन टैकों में डालना शुरू कर दिया है। जिनसे लोगों को साफ पानी मुहैया होता था। ब्लॉक के कुछ इलाकों में पेयजल आपूíत तो हो रही है। लेकिन साफ पानी मिलने के बजाय अब लोगों को दूषित पानी मिल रहा है।

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विभाग को संक्रामक रोगों की भी नहीं चिता

मौलेखाल : एक ओर जहां गर्मी का सीजन दस्तक दे चुका है। वहीं पेयजल महकमा ग्रामीण इलाकों में साफ पानी उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहा है। गर्मी का मौसम आने के बाद भी जहां पानी की एक भी टंकी को साफ नहीं किया गया है। वहीं अधिकांश टंकियां खुली पड़ी हैं। जिस कारण उनमें लगातार गंदगी प्रवेश कर रही है। ऐसे में जहां पेयजल महकमे की यह लापरवाही संक्रामक रोगों को दावत दे सकती है।


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