संवेदनहीनता से कराह रही जीवनदायिनी कोसी
संवाद सहयोगी रानीखेत जीवनदायिनी कोसी संवेदनहीनता की मार से कराह रही। एक ओर कुमाऊं की
संवाद सहयोगी, रानीखेत : जीवनदायिनी कोसी संवेदनहीनता की मार से कराह रही। एक ओर कुमाऊं की लाइफ लाइन के पुनर्जनन को महाभियान चलाया जा रहा। तो दूसरी तरफ लोग नदी को दूषित करने पर आमादा हैं। कोसी की सहायक शिप्रा नदी में पहले ही कई टन कचरा बहाया जा रहा। इधर रही सही कसर वाहनों की धुलाई ने पूरी कर डाली है। आलम यह है कि पेट्रोल डीजल तो नदी के पानी में गिर ही रहा, मुर्गे ढोने वाले पिकअप की गंदगी तक बहाई जा रही।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के करीब से होकर गुजरने वाली कोसी भीषण प्रदूषण की चपेट में है। यहां काकड़ीघाट हो या नावली। अथवा अन्य स्थान, चालक वाहनों को नदी क्षेत्र में उतार इसे विषैला कर रहे। डंपर, कैंटर यात्री जीपों की धुलाई से पेट्रो पदार्थ पानी में मिल रहा। हैरत की बात है कि मुर्गो की सप्लाई करने वाले पिकअप वाहनों की गंदगी भी नदी को जहरीला बना रही। यह हाल तब हैं जब अस्तित्व को जूझ रही कोसी के पुनर्जनन तथा इसे स्वच्छ रखने को वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
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मवेशी व ग्रामीण बुझाते हैं प्यास
कोसी नदी का पानी खैरना, भुजान, बढेरी, वर्धो, नैनीचेक, रतोड़ा, तिवारीगाव, बेतालघाट, सेठी आदि क्षेत्रों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मवेशी भी अपनी प्यास बुझाते हैं। कई स्थानों पर ग्रामीण भी इसे पेयजल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में नदी को दूषित किए जाने से जलजनित रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है। एसडीएम गौरव चटवाल के अनुसार कोसी नदी को निर्मल व अविरल बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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व्यापारी लामबंद, कार्रवाई पर जोर
देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष गजेंद्र नेगी, प्रातीय नगर उद्योग प्रदेश सचिव महिपाल सिंह बिष्ट, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पूरन लाल साह, मनीष तिवारी आदि ने कोसी नदी में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है।
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