अधिकारी लापरवाह, नेतागण बेपरवाह
संवाद सहयोगी, रानीखेत : विकास योजनाओं को पर्वतीय अंचल के अंतिम छोर तक पहुंचाने में विभाग तो ढीले हैं
संवाद सहयोगी, रानीखेत : विकास योजनाओं को पर्वतीय अंचल के अंतिम छोर तक पहुंचाने में विभाग तो ढीले हैं ही, आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण में भी कम लापरवाह नहीं हैं। रानीखेत-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ध्वस्त दीवार विभागीय सुस्ती का उदाहरण है, जो आठ माह बाद भी नहीं बन सकी। आलम यह है कि तीखे मोड़ पर लगा मलबे का ढेर बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। मगर उधर से गुजरने वाले अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को यह सब नहीं दिखता।
पर्यटन नगरी रानीखेत को रामनगर से जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर गनियाद्योली से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत पाली-नदुली मोटर मार्ग की सुरक्षा दीवार बीते वर्ष अतिवृष्टि से ध्वस्त हो गई थी। इसका मलबा रानीखेत-रामनगर मोटर मार्ग पर पड़ा है। तीखा मोड़ पर होने के कारण जहां कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, वहीं पाली-नदुली मोटर मार्ग भी भूधसाव की जद में आ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मोटर मार्ग पर भतरौजखान, भिकियासैंण व रामनगर के लिए रोज सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है, लेकिन मलबा लोगों के लिए भारी मुसीबत का कारण बना हुआ है। वहीं गनियाद्योली से पाली-नदुली को जाने वाला मोटर मार्ग भी खतरे की जद में आ गया है। सुरक्षा दीवार गिरने के कारण मोटर मार्ग भी धीरे-धीरे टूट रहा है जिसमें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
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पाली-नदुली मोटर मार्ग की सुरक्षा दीवार का मलबा रानीखेत-रामनगर मोटर मार्ग पर पड़ा है। पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को लिखित तौर पर मलबा हटाने व सुरक्षा दीवार निर्माण को कह दिया गया है।
- एनएस रावत, सहायक अभियंता प्रांतीय खंड, रानीखेत
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पाली-नदुली मोटर मार्ग सहित आपदा में क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है। बजट की स्वीकृति मिलते ही दीवार निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
- केसी आर्या, ईई, पीएमजीएसवाई अल्मोड़ा