सिंगापुर से जाैनपुर लौटे युवक की coronavirus की जांच में निकला swine flu पाजिटिव
जौनपुर के एक गांव में कोरोना पीडि़त होने की आशंका में करायी गयी जांच में स्वाइन फ्लू पाजिटिव निकला।
जौनपुर, जेएनएन। जनपद के एक गांव में कोरोना पीडि़त होने की आशंका में करायी गयी जांच में स्वाइन फ्लू पाजिटिव निकला। आनन-फानन पीडि़त युवक और उसकी पत्नी को जिला अस्पताल लाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए बीएचयू रेफर कर दिया गया। कोरोना के हड़ंकप के बीच स्वाइन फ्लू का मरीज मिलने से क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त है। सिंगापुर से लौटा युवक सर्दी-जुकाम से पीडि़त था।
गांव निवासी युवक मर्चेंट नेवी में नौकरी करता है। वह गत 24 फरवरी को सिंगापुर से घर वापस आया था। कुछ दिन रहने के बाद पुन: कोलकाता गया। जहां से पानी की जहाज पर सवार हुआ। इसी दौरान सर्दी-जुकाम होने पर वह आशंकावश उतर गया और वापस घर लौट आया। यात्रा के लौटे युवक के पीडि़त होने की जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पूर्व नमूना लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा था। जांच में कोरोना वायरस की जगह स्वाइन फ्लू पाजिटिव रिपोर्ट आया। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया। बुधवार की रात में ही आइडीएसपी प्रभारी जियाउल के नेतृत्व में जिला मुख्यालय से पहुंची टीम एंबुलेंस लेकर गांव में पहुंची। पीडि़त के रात में जाने से मना करने पर टीम बैरंग लौट आयी। गुरुवार की सुबह पुन: टीम ने उसे और उसकी पत्नी घर से लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद दंपती को बेहतर चिकित्सा व सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बीएचयू रेफर कर दिया गया है। सीएचसी बदलापुर के अधीक्षक डा. संजय कुमार दुबे ने बताया कि पीडि़त परिवार के अन्य सदस्यों को पांच दिन की दवाएं, ब्लीङ्क्षचग पाउडर व मास्क वितरित करने के साथ ही सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू पाजिटिव
सिंगापुर से लौटे युवक को सर्दी-जुकाम से पीडि़त होने पर मंगलवार को टीम भेजकर नमूना लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा गया था। रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू पाजिटिव आने के बाद सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से पीडि़त और उसकी पत्नी को बीएचयू भेजा गया है। स्वाइन फ्लू से निबटने के लिए विभाग में पर्याप्त दवाएं, किट, वैक्सीन और अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। नागरिकों से आह्वान है कि वह कोरोना व स्वाइन फ्लू से बचाव हेतु सुझाव के अनुसार सावधानी बरतें और जनमानस को इसके लिए जागरूक करें। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के अफवाह से बचें।
-डा.रामजी पांडेय, मुख्य चिकित्साधिकारी।
जानें क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस एच-1 एन-1 के नाम से जाना जाता है और मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है। यह वर्ष 2009 में प्रकाश में आया। जब खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, की-बोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।
शुरुआती लक्षण
-नाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक जाम होना।
-मांसपेशियां में दर्द या अकडऩ महसूस करना।
-सिर में भयानक दर्द।
-कफ और कोल्ड, लगातार खांसी आना।
-उनींदे रहना, बहुत ज्यादा थकान महसूस होना।
-बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढऩा।
-गले में खराश होना और इसका लगातार बढ़ते जाना।
यह बरतें विशेष सतर्कता
-पांच साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं। जिन लोगों को निम्न में से कोई बीमारी हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- फेफड़ों, किडनी या दिल की बीमारी से पीडि़त।
- मस्तिष्क संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) बीमारी से पीडि़त।
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग।
- डायबिटीज के मरीज।
स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध संसाधन
-टैमीफ्लू कैप्सूल 75 एमजी- 6900
-टैमीफ्लू कैप्सूल 45 एमजी-6300
-टैमीफ्लू कैप्टूल 30एमजी-5800
-पीपीई किट-250
-मास्क-50
-एच1 एन 1 वैक्सीन-180 वायल
जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड-01
जांच की नहीं है व्यवस्था
स्वाइन फ्लू के पीडि़तों का जनपद में लक्षण के आधार पर उपचार किया जाता है। यहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। पीडि़त का नमूना लेकर बीएचयू भेजा जाता है। रिपोर्ट आने तक चिकित्सक अनुभव के आधार पर दवाएं देते हैं।