नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक के बगैर बीता साल, पार्षदों ने कहा अधिकारी हो जाते जा रहे बेलगाम
वर्ष 2019-20 में कार्यकारिणी की एक भी साधारण बैठक नहीं होने के बाद नए वर्ष के शुरू में ही पार्षदों की बेचैनी बढ़ गई है।
वाराणसी, जेएनएन। वर्ष 2019-20 में कार्यकारिणी की एक भी साधारण बैठक नहीं होने के बाद नए वर्ष के शुरू में ही पार्षदों की बेचैनी बढ़ गई है। इसे लेकर भाजपा के पार्षदों के साथ निर्दल पार्षद भी परेशान है। उनका कहना है कि बैठकें नहीं होने से अधिकारी बेलगाम हो जाते हैं और जनता परेशान होती है।
भाजपा के पार्षद राजेश यादव चल्लू का कहना है कि नगर निगम अधिनियम की धारा 89 (1) के तहत कार्यकारिणी की बैठक प्रत्येक माह में कम से कम एक बार होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कार्यकारिणी की एक भी बैठक नहीं होने से आम जनता बहुत परेशान हुई है। छोटे छोटे काम के लिए नगर निगम और अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़े हैं। बैठक होने से कार्यकारिणी के सभी सदस्य अपने अपने क्षेत्र या अपने अपने दलों के लोगों की समस्याओं को रखते थे। उस पर चर्चा होती थी। अधिकारियों के संज्ञान में समस्याएं आती थी। भाजपा के कुंवर कांत सिंह, राजेश केसरी, चंद्रकांत मुखर्जी और संजय गुप्ता तथा निर्दल पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य बबलू शाह का कहना है कि जल्द ही महापौर से मिलकर साधारण बैठक के साथ-साथ बजट की बैठक बुलाने की मांग करेंगे। बैठक नहीं होने से हमारी अधिकारों का हनन हो रहा है। महापौर मृदुला जायसवाल के अनुसार बजट की बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी। किसी के अधिकार का हनन नहीं होगा।
बजट बैठक नहीं होने से है नाराजगी
भाजपा के एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने बजट की बैठक अब तक नहीं बुलाए जाने से नाराज है। उनका कहना है कि बजट का प्रस्ताव 10 जनवरी तक कार्यकारिणी में और 15 फरवरी तक सदन में पेश होना है जरूरी है। इसके बावजूद महापौर बैठक नहीं बुला रही है। उनका कहना है कि जब बजट ही नहीं समय पर पेश नहीं हो रहा है तो विकास कार्य कैसे होंगे।