कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए वाराणसी में किया यज्ञ, धर्म स्थलों की मुक्ति और वापसी के लिए 11 दिवसीय यज्ञ
कैलाश मानसरोवर की मुक्ति को वाराणसी में यज्ञ किया गया। धर्म स्थलों की मुक्ति और वापसी के लिए 11 दिवसीय यज्ञ का आयोजन।
वाराणसी, जेएनएन। प्राचीन काल की भारत भूमि एवं पवित्र धर्मस्थलों की वापसी, इस्लामी जेहादियों के आतंक से मुक्ति के संकल्प के साथ पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद द्वारा पातालपुरी मठ नरहरपुरा में हनुमान चालीसा का 11 दिवसीय हवनात्मक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। हनुमान चालीसा के प्रत्येक चौपाई पर आहुति डालकर अनुष्ठान किया जाता है और प्रतिदिन एक धर्मस्थल की वापसी के संकल्प के साथ 108 बार हनुमान चालीसा पढ़कर यज्ञ हवन होता है। यज्ञ के चौथे दिन कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का संकल्प लेकर यज्ञ किया गया। यज्ञ के दौरान सबसे आश्चर्य जनक बात रही कि यज्ञ करते समय हवनकुंड में हनुमान की आकृति उभरी, इसे देखकर अनुष्ठान करने वाले भाव विभोर हो गए। वहां मौजूद कई लोगों ने आकृति की तस्वीर उतारी। हनुमान को प्रसन्न करने के लिए ही 11 दिवसीय हनुमान चालीसा हवनात्मक यज्ञ आयोजित किया जा रहा है। हनुमान की आकृति उभरने से जय सियाराम, जय बजरंग बली का जयकारा लगा।
पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास महाराज की अध्यक्षता में होने वाले यज्ञ को पांच वैदिक ब्राह्मणों श्रीराम तिवारी, कमलेश दुबे, आनंद मिश्रा, जुगल किशोर तिवारी एवं चंद्रभूषण पाठक ने विधि-विधान से शास्त्र सम्मत तरीके से संपन्न कराया। यज्ञ के मुख्य यजमान के रूप में अयोध्या श्रीराम पीठ के केन्द्रीय व्यवस्था प्रमुख डा. राजीव श्रीवास्तव, विशाल भारत संस्थान की महासचिव अर्चना भारतवंशी, सुभाष मंदिर की पुजारी खुशी रमन भारतवंशी, दलित परिवार के रणधीर राव एवं उनकी पत्नी रेखा देवी ने अनुष्ठान किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने नई दिल्ली से ऑनलाइन संबोधन में कहा कि तिब्बत की आजादी के साथ ही कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का मार्ग निकलेगा। करोड़ों सनातनियों के लिए वह पवित्र स्थल है। भारत मठों, पवित्र मंदिरों और वैदिक ज्ञान की वजह से ही विश्व गुरु था। इस मौके पर अयोध्या श्रीराम पीठ के केंद्रीय व्यवस्था प्रमुख डा. राजीव श्रीवास्तव, अर्चना भारतवंशी, इली भारतवंशी, गुलाब दास साहू, अभिषेक जायसवाल, जयशंकर प्रसाद गुप्ता आदि ने आहुति डाली।