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World Tourism Day : विदेशी पयर्टकों से अछूता है सोनांचल, कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को विकसित करने की कवायद तेज

गुप्‍त काशी के नाम से विख्यात सोनभद्र के पर्यटन स्थलों को अब डे-पर्यटन से जोड़ा जाएगा। विशेषकर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को बनारस से जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है।

By satish singhEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Mon, 26 Sep 2022 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:43 PM (IST)
गुप्‍त काशी के नाम से विख्यात सोनभद्र के पर्यटन स्थलों को अब डे-पर्यटन से जोड़ा जाएगा।

सोनभद्र, डा. शैलेन्द्र भारती। गुप्‍त काशी के नाम से विख्यात सोनभद्र के पर्यटन स्थलों को अब डे-पर्यटन से जोड़ा जाएगा। विशेषकर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को बनारस से जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है।

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दुनियाभर से बनारस आए विदेशी पर्यटकों को सुबह यहां लाने व पूरे दिन एेतिहासिक स्थानों का भ्रमण कराने के बाद शाम को वापस ले जाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए वाराणसी के पर्यटन विभाग व गाइड एसोसिएशन से संपर्क किया गया है। एसोसिएशन के मान्यता प्राप्त गाइड विदेशी पर्यटकों के टूर पैकेज में साेनांचल के ऐतिहासिक स्थानों के भ्रमण का कार्यक्रम भी शामिल कराऐंगे।

फासिल्स पार्क व महुअरिया वन्य विहार को चयनित किया

प्रदेश सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट-वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) योजना के तहत फासिल्स पार्क व महुअरिया वन्य विहार को चयनित किया है। साेनांचल के कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में स्थित यह मनोरम स्थल पर्यटन की दृष्टि से सदैव उपेक्षित रहे हैं अब इन्हें नई पहचान मिल सकेगी।

वन अधिकारी कहते हैं कि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां कई विकास कार्य चल रहे हैं। अब यहां की बुनियादी सुविधाएं जैसे रेस्ट रूम, सड़क, बिजली, पानी समेत सभी जानकारियां यूपी टूरिज्म की साइट से जोड़ी जाएगी ताकि दुनिया के किसी भी कोने से आने वाले पर्यटक सलखन केे फासिल्स पार्क व वन्य जीवन विहार पहुंचे सकें। सोनांचल में विदेशी पर्यटकों को लाने में यूपी टूरिज्म व वाराणसी के गाइड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, शैलेश त्रिपाठी और पर्यटक पुलिस के प्रभारी निरीक्षक एके सिंह सहयोग करेंगे।

सलखन की गोद में है दुनिया का इतिहास

सलखन पहाड़ी की गोंद में डेढ़ सौ करोड़ वर्ष पुराना यह जीवाश्म अमेरिका के यलो स्टोन पार्क के फासिल्स से 40 करोड़ वर्ष पुराना मना गया है। यह जीवाश्म 25 हेक्टेयर में फैला हुआ है। सलखन में जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम ने 1933 में इस जीवाश्म की खोज की थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि सिएनो बैक्टीरिया प्रकाश की उपस्थिति में जल व वातावरण से ली गई कार्बन डाईआक्साइड की अभिक्रिया फलस्वरूप आक्सीजन तथा कैल्सियम कार्बोनेट निकालते हैं।

वन्य जीव विहार महुअरिया की अलग पहचान

कैमूर वन्य जीव विहार महुअरिया की खूबसूरत वादियां हर किसी को अपनी और आकर्षित करती हैं। इस वन्य जीव विहार में काले हिरणों के लिए प्रख्यात ब्लैक बक घाटी, ब्यूटी आफ सोन है, जहां से सोन नदी का खुबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है। लेखनिया राक पेंटिंग, जहां गुफा में बने प्राचीन काल के भित्ति चित्र पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसके अलावा अमदह जलप्रपात व पूरे वन्य जीव विहार को समेट कर बनाया गया प्रकृत चित्रण केंद्र म्यूजियम है। वन्य जीव विहार में काले हिरण, तेंदुआ, हिरन, भालू, नील गाय, जंगली शुकर, बंदर, मोर समेत पक्षियों के भी समूह पाए जाते हैं।

वन डिस्ट्रिक्ट-वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) के तहत यह जिला मुख्य पर्यटक स्थल बने

यह प्रयास है कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) के तहत यह जिला मुख्य पर्यटक स्थल बने। यहां डे-पर्यटन के लिए वाराणसी से विदेशी पर्यटकों को लाने व वापस भेजने के लिए वाराणसी गाइड एसोसिएशन व वाराणसी पर्यटक पुलिस की मदद ली जाएगी। इसकी कवायद चल रही है।

- आशुतोष जायसवाल, डीएफओ, कैमूर वन प्रभाग।


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