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World Tourism Day : वाराणसी में चार साल में बढ़ी 10 गुना पर्यटकों की संख्या, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण भी बड़ी वजह

वाराणसी में पर्यटन के क्षेत्र में जिस तरीके से महज चार साल में दस गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी की है वह इस बात का द्योतक है कि आने वाले समय में पर्यटन का भविष्य बेहद सुनहरा है।

By sarvesh mishraEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Tue, 27 Sep 2022 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:10 AM (IST)
World Tourism Day : वाराणसी में चार साल में बढ़ी 10 गुना पर्यटकों की संख्या, श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण भी बड़ी वजह
वाराणसी में पर्यटन के क्षेत्र में जिस तरीके से महज चार साल में दस गुना की बढ़ोत्तरी की है।

जागरण संवादता, वाराणसी : वाराणसी में पर्यटन के क्षेत्र में जिस तरीके से महज चार साल में दस गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी की है वह इस बात का द्योतक है कि आने वाले समय में पर्यटन का भविष्य बेहद सुनहरा है। कोरोना काल के पहले जहां पर्यटन की गति इतनी नहीं थी वहीं इसके बाद पर्यटकों का काशी के प्रति रुझान इस कर बढ़ जाएगा, शायद किसी को भरोसा न था।

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खासकर श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद तो इसमें गजब का उछाल आया। इसके इतर लगातार पर्यटन के क्षेत्र में विकास से काशी में बड़ा बदलाव आया है। वाराणसी में बढ़े पर्यटकों की संख्या से आसपास के जिले खासकर मीरजापुर और इलाहाबाद को भी लाभ मिल रहा है। ऐसा बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से भी हो सका है।

इस बार सावन में श्रद्धालुओं के आने के सारे रिकार्ड टूट गए तो आम दिनों में भी स्थिति उत्साहजनक है। अमूमन बाहर से आने वाले श्रद्धालु काशी में विश्वनाथ, काल भैरव, संकट मोचन मंदिर सहित अन्य स्थानों के साथ मीरजापुर मां विध्यवासिनी के दरबार जाते हैं। कोई ऐसा पर्व-त्योहार या महत्वपूर्ण तिथि नहीं होती जब पर्यटकों से काशी न भर जाती हो, होटल न फुल हो जाते हों। आगरा जैसे शहर से आज काशी पर्यटन के क्षेत्र में आगे है तो यह यूं ही नहीं है। यह इंगित करता है कि आने वाले समय में हम कहां होंगे।

यहां सुधार की है जरूरत

जाम और पार्किंग की वाराणसी की बड़ी समस्या है। इसको लेकर हम सभी को सचेत होना होगा। कुछ और बड़े होटलों की जरूरत महसूस होती है। इन तीन स्तरों पर काम हुआ तो काशी देश ही नहीं, दुनिया में पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थान होगा।

यह बातें लुभा रहीं पर्यटकों को

पर्यटन विभाग भी इस दिशा में कोई कोर कसर छोड़ नहीं रहा है। यहां वाटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया, जिसके तहत चार क्रूज संचालित हो रहे हैं तो बजड़ों की संख्या 50 से ऊपर हो चुकी है। रात को भी लोग नौका विहार का लुत्फ ले रहे हैं। देव दीपावली के इतर गंगा आरती, पंचकोसी यात्रा, अंतरग्रही परिक्रमा, घाटों का सुंदरीकरण, सारनाथ का विकास, गलियों का कायाकल्प पर्यटकों को लुभा रहा है।

पर्यटकों के आंकड़े

वर्ष 2019

- जनवरी: 74, 961

- जुलाई- 3, 94, 633

वर्ष 2022

- जनवरी: 7,81, 071

- जुलाई- 40, 44, 886


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