World Brain Tumor Day : बदल रही दिनचर्या एवं खानपान से बढ़ रही ब्रेन ट्यूमर की समस्या
हर साल आठ जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना। आज के समय में अधिक खराब लाइफस्टाइल के कारण किडनी फेफड़े हार्ट सबंधी कई रोगों का शिकार हो जाते हैं इन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर।
वाराणसी, जेएनएन। World Brain Tumor Day आधुनिकता की होड़ में बदल रही दिनचर्चा एवं खानपान के कारण ब्रेन ट्यूमर की समस्या बढ़ते जा रही है। पूर्वांचल में भी यह रोग बढ़ते जा रहा है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में इस समय भले ही सभी विभाग की ओपीडी बंद हैं, लेकिन कैंसर की चालू है। कोरोना काल में भी प्रतिदिन मरीज आ रहे हैं। अगर लोगों में जागरूकता हो तो इस रोग से बचा सकता है। इसी लिए हर साल आठ जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना। आज के समय में अधिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण किडनी, फेफड़े, हार्ट सबंधी कई रोगों का शिकार हो जाते हैं इन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर। यह ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में होता है। जब ब्रेन में अनियंत्रित रूप में कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं या फिर जमने लगती है तो ब्रेन ट्यूमर जानलेवा भी साबित हो सकता है।
वैसे ब्रेन ट्यूमर होने का कारण कई हो सकते है। जब ग्रंथि कई तरह के रासायनिक तत्व उत्पन्न करती है तो उसमें ट्यूमर होने पर कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। वैसे काशी में ब्रेन ट्यूमर या पूरे कैंसर का बेहतर उपचार है। एक ओर जहां बीएचयू हैं तो दूसरी ओर टाटा कैंसर अस्पताल। दोनों ही जगह कैंसर, ब्रेन ट्यूमर का लगभग संपूर्ण इलाज की व्यवस्था है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित रेडियोथेरेपी विभाग के प्रो. यूपी शाही बताते हैं कि जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की स्थापना 1998 में हुई थी। उस समय 14 देशों के 500 सदस्यों ने एसोसिएशन में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। एसोसिएशन विश्वभर में ब्रेन ट्यूमर के पेशेंट्स और उनके परिवार के सहयोग के लिए था। इसके साथ ही वर्ष 2000 से हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
गांठ को नहीं लें हल्के में
प्रो. शाही बताते हैं कि मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है, इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसे में अगर आपको कोई भी लक्षण दिखें तो डाक्टर से परामर्श जरूर लें।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
-आंखों से धुंधला दिखाई देना।
- बोलने में परेशानी होना।
- चलते-चलते अचानक लड़खड़ाना।
- अधिक थकान होना।
- याददाश्त कमजोर होना।
- सुबह उठते ही तेज सिरदर्द।
- अचानक किसी भी तरह की संवेदना।
- मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना।
-अचानक से बेहोशी आना।
तीन तरीके से उपचार
प्रो. शाही के अनुसार ब्रेन ट्यूमर का इलाज कुछ चीजों को ध्यान में रखकर किया जाता है। इसमें ट्यूमर का प्रकार, स्थिति, आकार, कितना फैला हुआ है, कोशिकाएं कितनी असामान्य है आदि देखकर किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसका उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी एवं रेडियोथेरेपी के माध्यम से होता है। प्रो. शाही के अनुसार सर्जरी के माध्यम से डॉक्टर पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को निकाल देते हैं। ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी में कई जोखिम होते हैं जैसे संक्रमण और ब्लीडिंग भी अधिक हो सकती है। वहीं कीमोथेरेपी में दवाइयों का यूज करके ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने की कोशिश की जाती हैं। रेडिएशन थेरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का इस्तेमाल किया जाता है।
कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट
कीमोथेरेपी उपचार दवाओं और इंजेक्शन के रूप में किया जाता है। कीमोथेरेपी जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने की समस्या होना सामान्य बात है।