World Bicycle day 2020 : साइकिल पर हरियाली की टोकरी सजाए जन-जन को पढ़ा रहे पाठ
World Bicycle day 2020 अगर अब तक आपने साइकिल का पैडल नहीं मारा है तो तीन जून को साइकिल दिवस के मौके पर एक शुरू हो जाइए।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। World Bicycle day 2020 महामारी के चलते देश ही नहीं पूरा विश्व भयभीत है। कोरोना से फाइट के बीच इम्युनिटी बढ़ाने के जतन कर रहे तो फिटनेस के लिए भी फिक्रमंद हैं। ऐसे में तीन जून का दिन एक और नई शुरुआत करने का मौका लेकर आया है। जी हां, यदि आप साइकिल प्रेमी हैैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी। अगर अब तक आपने साइकिल का पैडल नहीं मारा है तो तीन जून को साइकिल दिवस के मौके पर एक शुरू हो जाइए, साइकिल के पहिए की तरह अपनी सेहत का पहिया घुमाइए।
कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे हैैं जनकवि के रूप में ख्यात सुदामा प्रसाद पांडेय धूमिल के गांव खेवली के मनीष पटेल। एक दशक से साइकिल की सवारी करते हुए युवाओं को यही संदेश दे रहे। दरअसल, मनीष अपना गांव हरा-भरा करने के बाद अब साइकिल पर पर्यावरण की टोकरी लेकर गांव-मोहल्लों में घूम रहे हैैं। अब तक 15 हजार से अधिक पौधे रोप चुके हैं। गांव नर्सरी की तरह दिखता है।
साइकिल से सफर जारी है
पर्यावरण में पोस्ट ग्रेजुएट मनीष पटेल ने पढ़ाई को किताबी ज्ञान से आगे ले जाते हुए व्यवहार में उतारा और हरियाली के रूप में उभारा। वह गांव में साइकिल से जाकर लोगों को तुलसी और अन्य सुगंधित फूलों के पौधे उपहार स्वरूप देते हैैं। मनीष का कहना है कि इसके तीन फायदे हैैं, एक तो साइकिल चलाने से सेहत दुरुस्त रहती है तो पौधे पर्यावरण सुधार कर हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैैं।
जनकवि धूमिल के पुत्र रत्न शंकर पांडेय व आनंद शंकर पांडेय का कहना है कि पिताजी की प्रेरणा से मनीष के राष्ट्रप्रेम व समर्पण के भाव ने समाज को एक दिशा प्रदान की है। विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह और विधायक नीलरतन पटेल उन्हें इस कार्य के लिए सम्मानित कर चुके हैैं।
आधे घंटे साइकिल चलाने के लाभ
वरिष्ठ फिजिशियन डा. अश्वनी कुमार के अनुसार प्रतिदिन 30 मिनट साइकिल चलाते हुए इम्युनिटी बूस्ट कर बीमारियों से बचा जा सकता है। ये बात तमाम अध्ययनों में सामने आ चुकी है कि साइकिल चलाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
एक साल में बिकी 25 हजार साइकिल
बाइक, कार या तमाम साधन आ रहे हैं। इसके बाद भी साइकिल का महत्व कम नहीं हो रहा है। लोगों में अभी भी साइकिल की डिमांड बरकरार है। देहात हो या शहर हर जगह। बताया जा रहा है कि पिछले साल जिले में करीब 25 हजार से अधिक साइकिल बिक गई।
साइकिल विक्रेता सुशील गुप्ता बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण साइकिल व्यापार पर भी भारी असर पड़ा है। पहले जहां प्रति माह 150 से अधिक साइकिल बिक जाती थी। वहीं लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद भी ना के बराबर रही। बताया जा रहा है कि सिर्फ शहर में ही 10 से अधिक बड़ी यानी दुकानें है। इसके अलावा आउटर में भी कई दुकानें हैं। ऐसे में अगर हर दुकान से प्रति माह 100 साइकिल बिक्री का अनुमान लगाया जाएं तो यह आंकड़ा 25 हजार से अधिक हो जाती है। साइकिल विक्रेता अमित कुमार जायसवाल बताते हैं कि छोटी यानी बच्चों के लिए तीन पहिए वाली साइकिल का भी क्रेज बना है। इससे बच्चों को साइकिल चलाने के लिए सिखाना आसान हो जाता है। इससे गिरने का कम खतरा रहता है। इस लिए यह बच्चों में काफी पसंद की जा रही है।