आजमगढ़ में धर्मशाला की दीवार ढहने से मजदूर की मौत, प्रशासन ने अस्पताल में कराया भर्ती
फूलपुर तहसील के समीप स्थित ब्रिटिश हुकूमत की बनी जर्जर धर्मशाला को मंगलवार की शाम मजदूर तोड़कर गिरा रहे थे। दीवार के मलबे में दब जाने से एक मजदूर की मौत हो गई।
आजमगढ़, जेएनएन। फूलपुर तहसील के समीप स्थित ब्रिटिश हुकूमत की बनी जर्जर धर्मशाला को मंगलवार की शाम मजदूर तोड़कर गिरा रहे थे। लोगों का कहना है कि तोडऩे के दौरान ही अचानक दीवार जमींदोज हो गई। दीवार के मलबे में दब जाने से एक मजदूर की मौत हो गई। तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया है।
फूलपुर तहसील से सटे ही ब्रिटिश हुकूमत के दौरान वर्ष 1936 में एक धर्मशाला का निर्माण हुआ था। उक्त प्राचीन धर्मशाला का भूभाग वर्तमान में लेखपाल संघ के अधीन है। मजदूर ठेके पर उस दीवार को गिरा रहे थे। मंगलवार की शाम लगभग साढ़े तीन बजे मजूदर उक्त भवन के दीवार व छत को तोड़ रहे थे। लोगों का कहना है कि उसी दौरान अचानक जर्जर दीवार के साथ ही छत का एक हिस्सा ढह गया। जिससे मलबे में चार मजदूर दब गए। मजदूरों की चीख पुकार सुनकर तहसील के पास मौजूद लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मलबे में दबे मजदूरों को जब तक बाहर निकालते एक की मौत हो चुकी थी। घायल मजदूरों को फूलपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया है। मृत मजदूर राजेश निषाद (40) पुत्र मोती निषाद मूल रूप से जौनपुर जिले के खेतासराय क्षेत्र के खुदौली गांव के निवासी हैं। वे फूलपुर क्षेत्र के बक्सपुर स्थित अपने ससुराल में रहते थे। वहीं घायल मजदूरों में अशोक (42) पुत्र राम पलट ग्राम गोबरहा, पंकज (38) पुत्र हीरालाल व जितेंद्र (35) पुत्र जवाहिर ग्राम डारीडीह थाना फूलपुर के निवासी हैं। हादसे की खबर पाकर एसडीएम फूलपुर बागिस शुक्ल, फूलपुर कोतवाल शेर सिंह तोमर भी मौके पर पहुंच गए थे। मजदूर राजेश के मौत की खबर से परिवार में कोहराम मचा हुआ था। पतनी शशिकला दहाड़े मारकर बेसुध हो जा रही थी। उसके तीन पुत्री व एक पुत्र हैं।