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Lockdown के दौरान work from home में बिस्तर पर बैठ कर लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग घातक

Lockdown के दौरान work from home में बिस्तर पर बैठ कर लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग घातक

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 04:10 PM (IST)
Lockdown के दौरान work from home में बिस्तर पर बैठ कर लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग घातक
Lockdown के दौरान work from home में बिस्तर पर बैठ कर लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग घातक

वाराणसी [कृष्ण बहादुर रावत]। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन है। इस कारण अधिकतर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे है। उनका अधिक समय ऑफिस के काम की वजह से लैपटॉप और मोबाइल पर बीत रहा है। कुछ लोग टेबल कुर्सी पर बैठ कर काम कर रहे है तो कुछ लोग बिस्तर पर बैठकर या लेटकर। लेकिन वर्क फ्राम होम करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिस्तर पर बैठ कर लैपटॉप और मोबाइल का प्रयोग कम से कम करे। नहीं तो गर्दन और कंधे में दर्द की समस्या आ सकती है जो बाद में बहुत परेशान करेगी।

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राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय चौकाघाट, वाराणसी के काय चिकित्सा विभाग के डा. अजय कुमार का कहना है कि बिस्तर पर बैठ कर  लैपटॉप और मोबाइल पर काम करने वाले लोगों की गर्दन लगातार झुकी रहने के कारण  रीढ़ की हड्डी को सही तरीके से सहारा नहीं मिल पाता है जिससे मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। इस वजह से स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या उन लोगों में अधिक होती है जो बिस्तर पर दो से तीन घंटे तक बिना सहारे के लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं।

वर्टिब्रल कॉलम में मौजूद डिस्क चारों ओर से बाहर की ओर निकल रहे नर्व यानी नसों और आगे निकला हुआ हिस्सा स्पाइनल कार्ड पर दबाव बनाता है। जिससे दर्द होने लगता है और चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है। इसी के कारण हाथ, पैर में दर्द व सून्न होने की समस्या पैदा हो सकती है।

बिस्तर पर बिना सहारे के लैपटॉप और मोबाइल पर काम करने से गर्दन और कंधे में भी दर्द शुरू होने की बहुत संभावना होती है। क्योंकि इसमें आगे की ओर अधिक झुकना पड़ता है।

डा. अजय का कहना है कि अगर बहुत आवश्यक हो तभी बिस्तर पर बिना सहारे के लैपटॉप और मोबाइल पर काम करें। साथ ही एक घंटा काम करने के बाद कम से कम पांच मिनट अवश्य टहले। टहलने से मांसपेशियों को आराम मिल जाता है। टहलने के दौरान गर्दन और कंधे को हिलना-डुलाना भी चाहिए। 2008 में हुए एक शोध के अनुसार यदि गर्दन 15 डिग्री झुका कर काम करते है तो गर्दन पर लगभग 13 किलो का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इसी प्रकार 30 डिग्री, 45 डिग्री और 60 डिग्री पर झुका कर काम करते है तो क्रमशः 20 किलो, 25 किलो और 30 किलो का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।


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