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विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस : आपकी कमजोर हो चुकी हड्डियों को मजबूत करेंगे आयुर्वेद के सामान्‍य घरेलू नुस्खे

उम्र बढ़ने के साथ साथ अमूमन सभी व्यक्तियों की हड्डियां समय के साथ कमजोर होने लगती हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 09:12 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 09:12 AM (IST)
विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस : आपकी कमजोर हो चुकी हड्डियों को मजबूत करेंगे आयुर्वेद के सामान्‍य घरेलू नुस्खे
विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस : आपकी कमजोर हो चुकी हड्डियों को मजबूत करेंगे आयुर्वेद के सामान्‍य घरेलू नुस्खे

वाराणसी [वंदना सिंह]। उम्र बढ़ने के साथ साथ अमूमन सभी व्यक्तियों की हड्डियां समय के साथ कमजोर होने लगती हैं। एक अनुमान के मुताबिक हिन्दुस्तान में हर दो में से एक स्त्री जो 45 वर्ष के पार है, वह ऑस्टियोपोरोसिस रोग से पीड़ित है। यदि आपकी उम्र 40 से ज्यादा है और यदि आपके जोड़ों में दर्द रहता है, हड्डियों में कमजोरी महसूस होती है या अधिक धूम्रपान करते हैं, तो आप ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त हो सकते हैं। लंबे समय तक इसकी चपेट में रहने से आपको चलने फ‍िरने और दैनिक जीवन में तमाम समस्‍याएं भी हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के रोग की रोकथाम, निदान और उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है।

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ऑस्टियोपोरोसिस रोग क्या है?

अमूमन लोग समस्‍या से ग्रस्‍त रहते हैं बीमारी नहीं पहचान पाते कि असर में हमें हुआ क्‍या है। चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी का एक रोग है जिसमें कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर और खोखली हो जाती हैं वहीं मामूली चोट से हड्डियों के फ्रेक्चर होने की आशंका बढ़ जाती है।

पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में यह समस्या चार गुना ज्यादा होती है। 50 वर्ष के बाद कूल्हे एवं रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर की आशंका 54 प्रतिशत बढ़ जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस की उत्पत्ति कई कारणों द्वारा हो सकती है, जैसे कि हार्मोन सम्बन्धी समस्याएं, पोषणरहित आहार, कुछ प्रकार की औषधियां, अत्यधिक धूम्रपान या मदिरापान और अनुवांशिकता आदि कारणों से हड्डियां कमजोर होने लगती है।

कैसे करें ओस्टीयोपोरोसिस की रोकथाम?

1- इसके रोकथाम हेतु कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि दूध, दही का भरपूर सेवन करना चाहिए।

2- हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।

3- आयुर्वेद में प्रवाल पिष्टी, प्रवाल पंचामृत, गोदन्ती, मुक्ता भस्म आदि का सेवन करना चाहिए।

4- लाक्षा गुग्गुल, आभा गुग्गुल, शल्लकी, अस्थिसंहारक यानी हड़जोड़ का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है।

5- हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में सहायता करता है। विटामिन डी की सर्वाधिक मात्रा सूर्य के प्रकाश से और अन्य भोज्य स्रोतों जिनमें वसायुक्त मछली, लीवर, अंडे, आदि से प्राप्त होती है।


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