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महिलाएं ही खत्म कर सकती हैं धार्मिक उन्माद

वाराणसी : वरुणानगरम् कालोनी स्थित विशाल भारत संस्थान में पंचगंगा फाउंडेशन व बाल संसद की

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 02:13 AM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 02:13 AM (IST)
महिलाएं ही खत्म कर सकती हैं धार्मिक उन्माद
महिलाएं ही खत्म कर सकती हैं धार्मिक उन्माद

वाराणसी : वरुणानगरम् कालोनी स्थित विशाल भारत संस्थान में पंचगंगा फाउंडेशन व बाल संसद की ओर से सोमवार को 'धार्मिक उन्माद को खत्म करने में भारतीय संस्कृति एवं महिलाओं की भूमिका' विषयक संगोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शीर्ष नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश को तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। धारा 35-ए पर बहस कराई जाएगी। बाल सांसदों से अपील करते हुए कहा कि कश्मीर को लेकर करोड़ों बच्चों में जागरूकता पैदा करें। ऐसी कोई धारा नहीं रहनी चाहिए जो देश को विभाजन की ओर ले जाए। वहीं गाय पर बोलते हुए कहा कि गाय का वध करना पाप है, जो गो-हत्या करेगा उसे जहन्नुम में जाना पड़ेगा। नफरत फैलाने वाले लोग शैतान का काम करते हैं। ऐसे में मो. फैज खान गो-सेवा यात्रा निकालकर खुदा का काम कर रहे हैं। कहा जिस मौलवी ने नाजनीन अंसारी को फतवा दिया है वह मानसिक दिवालियेपन का शिकार है। कट्टरता इंसानियत को बर्बाद कर देती है। नाजनीन ने मजहबी एकता का संदेश दिया है जिसका पूरा देश स्वागत कर रहा है। कहा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, जिसे दुनिया की कोई भी ताकत नहीं छीन सकती। इससे पूर्व उन्होंने बाल संसद के विशेष सत्र में धर्म एवं राष्ट्रधर्म पर भी व्याख्यान दिया। इससे पूर्व विषय प्रस्तावना रखते हुए पंचगंगा फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. हेमंत गुप्ता ने कहा कि धार्मिक उन्माद ने महिलाओं व बच्चों का सबसे बड़ा नुकसान किया है। अब समय आ गया है कि महिलाएं व बच्चे मिलकर धार्मिक कट्टरता को खत्म करें। अध्यक्षता करते हुए पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने कहा कि कोई भी धर्म ¨हसा और नफरत फैलाने की इजाजत नहीं देता। सनातन धर्म ने सदा ही सबको संरक्षण दिया है। भारत भूमि पर सभी धर्मो को फलने-फूलने का अवसर मिला, इसलिए जरूरत है कि सभी धर्मो के धर्माधिकारी साझा संस्कृति को बढ़ावा दें। इससे देश, धर्म व इंसानियत सभी सुरक्षित रहेंगे। विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में विश्वास रखने वाला कभी कट्टर नहीं हो सकता, क्योंकि भारत संबंधों व भावनाओं का देश है। भारतीय संस्कृति की पोषक महिलाएं न कभी फसाद चाहती हैं और न ही करती हैं। वहीं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच गो सेवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मो. फैज खान को गो-सेवा पुरस्कार से नवाजा गया। संचालन अर्चना भारतवंशी व धन्यवाद ज्ञापन अजीत प्रकाश श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर मनोज शाह, पूनम सिंह, मेराजुद्दीन, पूर्णेदु उपाध्याय, नवनीत पांडेय अतुल, अब्दुल मजीद अंसारी, मो. अजहरुद्दीन, नजमा परवीन, इम्तियाज अहमद, विभा सिंह उपस्थित थे।


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