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दिनभर की गर्मी व उमस के बीच अब आम की मिठास संग सजने लगी इफ्तार की थाली

दिनभर की गर्मी व उमस के बीच सब्र के साथ रोजा रहते हुए जब साहिबे-ईमान शाम में इफ्तार के दस्तरख्वान पर बैठते हैं तो एक से बढ़कर एक नेमतें उनका इस्तकबाल करती हैं।

By Edited By: Published: Mon, 13 May 2019 02:04 AM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 02:05 AM (IST)
दिनभर की गर्मी व उमस के बीच अब आम की मिठास संग सजने लगी इफ्तार की थाली
दिनभर की गर्मी व उमस के बीच अब आम की मिठास संग सजने लगी इफ्तार की थाली

वाराणसी, जेएनएन। दिनभर की गर्मी व उमस के बीच सब्र के साथ रोजा रहते हुए जब साहिबे-ईमान शाम में इफ्तार के दस्तरख्वान पर बैठते हैं, तो एक से बढ़कर एक नेमतें उनका इस्तकबाल करती हैं। यह अल्लाह का ही करम है कि ऐसी तपती दोपहरी भी रोजेदारों के हौसले डिगा नहीं पाई। वैसे तो इफ्तार की थाली में तरह-तरह के पकवानों की अपनी अलग अहमियत व जरूरत होती है। वहीं फलों का राजा आम भी इसमें विशेष तौर पर शामिल किया जा रहा है। रोजेदारों की विशेष मांग पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आम मंगाए जा रहे हैं। बनारस में आम का रोजाना का कारोबार करीब 15 से 20 लाख रुपये का है।

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पहडि़या मंडी के दुकानदार रेयाज अहमद के मुताबिक फिलहाल अभी दक्षिण भारत से गुलाब खास, संतन, बैगन फल्ली, तोतापरी व पल्कुलमैन मंगाया जा रहा है। मंडी में तोतापरी 15 से 20 रुपये, गुलाब खास, संतन व बैगन फल्ली 20 से 30 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। वहीं देशी आम की तरह दिखने वाला पल्कुलमैन 30 से 50 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। पूरे महीने पढ़नी चाहिए तरावीह की नमाज जासं, वाराणसी : रोजा ऐसी इबादत है, जो लगभग सभी नबियों की उम्मतों पर फर्ज था।

अल्लाह ने कुरान मजीद में फरमाया है कि ईमान वालों जिस तरह तुमसे पहले की कौमों पर रोजा फर्ज था, उसी तरह तुम पर भी रोजा फर्ज किया गया है ताकि परहेजगार बनो। मस्जिद खरबूजा शहीद के नायब इमाम हाफिज असअद ने बताया कि इस पूरे महीने तरावीह की नमाज का एहतेमाम करना चाहिए। कुछ लोग तीन दिन या दस की खत्म तरावीह के बाद इस विशेष नमाज को पाबंदी के साथ नहीं पढ़ते, जो गलत है। अल्लाह के प्यारे रसूल ने खुशखबरी देते हुए फरमाया, जो आदमी इस महीने में सदका देकर गरीबों की मदद करेगा, उसे सारी दुनिया की दौलत सदका करने जितना सवाब मिलेगा। इसलिए हमें चाहिए कि इस माहे मुबारक में गरीब, यतीम व बेवाओं को ज्यादा से ज्यादा जकात, फितरा सदका आदि देकर अपने हिस्से की नेकियां बढ़ाएं।

शुरू हुआ इबादतगाहों में खत्म तरावीह का सिलसिला : रमजान के पाक महीने में सभी इबादतगाहों में तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है। कहीं-कहीं खत्म तरावीह का सिलसिला भी जारी है। शनिवार को मस्जिद नवापोखर-अंसाराबाद, मस्जिद गड़ासा मिल-चौहट्टा लाल खां, मस्जिद जाहिद शहीद-पठानी टोला, मस्जिद जुम्मन शाह-मदारतल्ला, मस्जिद कतुआपुरा, मस्जिद नगीना-ओंकारेश्वर, मस्जिद अखाड़े वाली-कुतबन शहीद, मस्जिद बाजार वाली-आलमपुरा, मस्जिद अंबिया मंडी-चिकवनपुरा, मस्जिद जलालीपुरा चुंगी, मस्जिद अल कुरैश-हंकारटोला, मस्जिद अजगैब शहीद-राजघाट, मस्जिद जिन्नाती-पुराना पान दरीबा में खत्म तरावीह हुई। वहीं रविवार को अय्या की मस्जिद-दशाश्वमेध व मस्जिद मदीना-पठानीटोला में हुफ्फाज ने खत्म तरावीह कराई।

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