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क्‍या अक्टूबर के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा हो जाएगा कम, जानिए क्‍या कहते हैं ज्योतिषाचार्य

Webinar ख्यात ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने कोरोना संकट पर कहा कि फिलहाल ग्रह अनुकूल नहीं हैं। अक्टूबर में इससे निजात मिलने की स्थिति बनेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 10:26 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 10:26 AM (IST)
क्‍या अक्टूबर के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा हो जाएगा कम, जानिए क्‍या कहते हैं ज्योतिषाचार्य

वाराणसी, जेएनएन। Webinar ख्यात ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने कोरोना संकट पर कहा कि फिलहाल ग्रह अनुकूल नहीं हैं। अक्टूबर में इससे निजात मिलने की स्थिति बनेगी। शनि व बृहस्पति का एक होना बीमारी का बड़ा कारण है। सितंबर तक ग्रहयोग अनुकूल होंगे। 26 सितंबर को बृहस्पति धनु राशि में प्रवेश करेगा इसके बाद प्रकोप कम होगा।

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28 अक्टूबर के बाद शनि मार्गी होगा तब संक्रमण कम होगा

प्रो. चंद्रमौलि प्रबुद्ध प्रकोष्ठ भाजपा काशी क्षेत्र की ओर से साप्ताहिक वेबिनार कार्यक्रम गुरुवारीय अड़ी को आॅनलाइन संबोधित कर रहे थे। ज्योतिषाचार्य प्रो. नागेंद्र पांडेय (पूर्व विभागाध्यक्ष, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) ने कहा कि शनि का वक्री होना कोरोना संकट का मूल कारण है। 28 अक्टूबर के बाद शनि मार्गी होगा। तब कोरोना का संक्रमण कम होगा और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होगी। छह जून को शुरू हो रहे आषाढ़ कृष्ण पक्ष से 21 जून तक रहेगा।

तीन शनिवार व तीन रविवार भी शुभकारी नहीं

इस बीच तीन शनिवार व तीन रविवार पड़ रहे हैं। यह भी शुभकारी नहीं है। ज्योतिषाचार्य डा. रामेश्वर ओझा ने कोरोना संकट पर कहा कि इस महामारी का बीजारोपण दिसंबर और जनवरी में हुआ है। उस समय छह ग्रह एक साथ थे। जब भी ग्रहों का उदय या अंत होता है तब विपदा आती है। सितंबर के बाद सब कुछ अनुकूल होगा।

वेबिनार कार्यक्रम गुरुवारीय अड़ी में इन्‍होंने किया प्रतिभाग

गीतकार डा. बुद्धिनाथ मिश्र ने अपनी चर्चित रचना एक बार और जाल फेंक रे मछुरे,..सुनाया। विषय स्थापना धर्मेंद्र सिंह और संचालन व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डा. सुनील मिश्र ने किया। वेबिनार कार्यक्रम गुरुवारीय अड़ी में वरिष्ठ साहित्यकार डा. रामसुधार सिंह, विद्यापीठ के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. श्रद्धानंद, दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार रजनीश त्रिपाठी, हिमांशु उपाध्याय, प्रो. रवि प्रकाश पांडेय, डा. स्वाती एस मिश्र, अशोक चौरसिया, डा. विनय सिंह, विद्यासागर राय, अशोक पांडेय, नवरतन राठी आदि ने प्रतिभाग किया।


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