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दक्ष होंगे ग्राम प्रधान और समितियों के सदस्य, मास्टर ट्रेनर पंचायत के कार्यों की देंगे जानकारी

पंचायत की पहली बैठक से लगायत समितियों का भी गठन हो चुका है। पंचायत को धनराशि भी जारी की जा रही है। ऐसी स्थिति में पंचायतों को कार्यों को लेकर जानकारी देना आवश्यक है। क्योंकि बहुतायत पंचायतों में प्रतिनिधि नए चुने गए होंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 10:26 AM (IST)
दक्ष होंगे ग्राम प्रधान और समितियों के सदस्य, मास्टर ट्रेनर पंचायत के कार्यों की देंगे जानकारी
पंचायत की पहली बैठक से लगायत समितियों का भी गठन हो चुका है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। शासन ने ग्राम प्रधानों व गांवों में गठित समितियों को पंचायत के अधिकार व कार्यों को लेकर प्रशिक्षण का निर्देश दिया है। इसी क्रम में निदेशालय की ओर से जिलावार मास्टर ट्रेनर की तैनाती की गई है। शासन ने जारी आदेश में कहा है कि नई पंचायतों का गठन सभी जिलों में हो चुका है। पंचायत की पहली बैठक से लगायत समितियों का भी गठन हो चुका है। पंचायत को धनराशि भी जारी की जा रही है। ऐसी स्थिति में पंचायतों को कार्यों को लेकर जानकारी देना आवश्यक है। क्योंकि बहुतायत पंचायतों में प्रतिनिधि नए चुने गए होंगे।

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शासन ने 15 सिंतबर से दस अक्टूबर के बीच ग्राम पंचायतवार प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि जिले ग्राम पंचायतों की संख्या देखते हुए तय अवधि में तिथि निर्धारित ब्लाक पर एक साथ कई ग्राम पंचायतों को बुला सकती है। रिसोर्स पर्सन ग्राम प्रधानों व चुने सदस्यों को कार्य के बारे में अवगत कराएगी।

सिटीजन चार्जर भी मंथन : शासन के निर्देश पर सभी पंचायतों की ओर से सिटीजन चार्जर बनाया गया है। इसमें पंचायतों ने गांव में जरूरत के मुताबिक विकास कार्यक्रमों का खाका खींचा है। बताया जा रहा है कि उक्त प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर इसके अमल के तौर तरीके भी बताएंगे। ताकि कार्य को समय से मूर्तरूप दिया जा सके।

पंचायतों की आमदनी की भी प्रशस्त होगी राह : सभी पंचायतों को राजस्व को लेकर दिक्कत है। खर्चा एक रुपया है तो आमदनी चवन्‍नी है। सभी पंचायतों में सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन के निर्माण के बाद यह उम्मीद की गई थी कि इससे पंचायतों की आमदनी बढ़ेगी। पंचायत भवन का स्वरूप अभी सामने नहीं आया लेकिन सामुदायिक शौचालय प्रत्येक गांवों में निर्मित हो चुका है। कुछ गांवों को छोड़ दे, कई गांवों में इससे कुछ भी खास आमदनी नहीं हो रही है। बल्कि खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। सामुदायिक शौचालय पर तैनात केयर टेकर को छह हजार रुपये व तीन हजार रुपये साफ सफाई पर प्रतिमाह खर्च करने पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान इस बाबत भी ग्राम प्रधानों को राह सुझाएंगे।


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