वाराणसी में पेंशन के लिए पांच महीने से मां के शव के साथ रह रहे थे पांच बेटे और उनकी फैमिली
बीते कुछ दिनों से कबीर नगर में दुर्गन्ध से काफी लोग परेशान थे। बुधवार को शिकायत करने पर जब जांच करने पुलिसकर्मी पहुंचे तो पूरे घटनाक्रम की जानकारी हो सकी।
वाराणसी (जेएनएन)। मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना वाराणसी में सामने आई है। जिसमें मां की पेंशन पाने के लिए बेटों ने को मरने के बाद भी शव को पांच महीने से घर पर ही कुछ रासायनिक लेप लगाकर छिपाये रखा।पांच बेटों की मां अमरावती देवी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके मरने के बाद उसकी लाश के नाम पर भी बेटे-बहु पैसे वसूलेंगे। पिछले कई दिनों से शव से दुर्गंध आने के बाद प्रकरण का खुलासा आज दोपहर हुआ। जब मोहल्ले वालों की शिकायत पर जांच करने पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मामला भेलूपुर थाना अन्तर्गत दुर्गाकुंड स्थित आवास विकास कॉलोनी का है। यहां कि निवासी अमरावती देववंशी (70 वर्ष) को पारिवारिक पेंशन लगभग 40 हजार मिल रही थी। पति दयाप्रसाद कस्टम में सुपरिंटेंटेन्ट पद से सेवानिवृत्त थे। मोहल्ले वालों ने बताया कि उक्त महिला की मृत्यु 13 जनवरी को हो गयी थी, घर मे पांच लड़के रहते हैं। उन्होंने मोहल्ले वालों से उस समय कहा कि मां जिंदा है। तभी से कुछ लेप लगाकर लाश को सुरक्षित रखा था और अंगूठा लगाकर लगातार पेंशन ले रहे थे।
दुर्गंध आने पर 100 नम्बर पर मोहल्ले वालों की सूचना पर पुलिस जांच करने पहुंची। बेटों का नाम रवि प्रकाश, ज्योति प्रकाश, गिरीश प्रकाश, योगेश्वर प्रकाश, देवप्रकाश अविवाहित लड़की विजय लक्ष्मी सभी साथ में ही रहते हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बेटों में ज्योति प्रकाश वाराणसी में वकालत करते हैं। अविवाहित बेटी लोक जन पार्टी की सदस्य है।
हालांकि वह अभी भी कह रही है कि मां जिंदा है। जबकि लाश पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बीते कुछ दिनों से कबीर नगर में दुर्गन्ध से काफी लोग परेशान थे। बुधवार को शिकायत करने पर जब जांच करने पुलिसकर्मी पहुंचे तो पूरे घटनाक्रम की जानकारी हो सकी। हालांकि पुलिस अब पेंशन के लिए शव को रखने की पड़ताल कर घटना की कडिय़ां जोडऩे में जुट गई है।